नई दिल्लीः पेरिस ओलंपिक 2024 के जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. रिपोर्ट्स की मानें, तो ओलंपिक में 32 सालों बाद पाकिस्तान को मेडल मिल पाया है. वहीं, ओलंपिक के व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में पाकिस्तान को पहली बार मेडल मिला है. ओलंपिक में अरशद नदीम के गोल्ड जीतने का सफर बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा है. उन्हें इस स्थान तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है. साथ-साथ गरीबी से जूझते रहे हैं. 


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पेश से मजदूर हैं अरशद नदीम के पिता 
रिपोर्ट्स की मानें, तो अरशद नदीम के पिता पेशे से एक मजदूर हैं और उन्होंने लोगों से चंदा मांगकर अरशद की ट्रेनिंग पूरी करवाई है. ओलंपिक में अरशद नदीम की सीधी टक्कर भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से थी. नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए सिल्वर जीता, तो अरशद नदीम ने गोल्ड. 


नदीम के पास नहीं था अच्छा भाला
नदीम के लिए ओलंपिक में अभी तक का सफर बहुत कठिन रहा है. रिपोर्ट्स की मानें, तो शुरुआत में नदीम के पास एक अच्छा भाला तक नहीं था. इसी साल की शुरुआत में नदीम ने एक अच्छा भाला देने की अपील की थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो नदीम के पिता ने नदीम की ट्रेनिंग के लिए गांव और रिश्तेदारों से पैसे मांगे और ट्रेनिंग पूरी कराई. अब नदीम के पिता उनके गोल्ड जीतने से बहुत खुश हैं. 


'यात्रा का खर्च भी लोगों ने उठाया'
गोल्ड जीतने के मौके पर नदीम के पिता मोहम्मद अशरफ ने कहा, 'अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि नदीम इस मुकाम तक कैसे पहुंचे हैं. हमारे गांव के लोगों ने और रिश्तेदारों ने शुरुआत में नदीम को पैसे देकर ट्रेनिंग पूरी करवाई है. यहां तक कहीं आने जाने का खर्च भी उन लोगों ने उठाया. मैंने आज तक सिर्फ मजदूरी ही की है.' 


92.97 मीटर थ्रो के साथ बनाया रिकॉर्ड 
बता दें कि ओलंपिक 2024 के जेवलिन थ्रो मुकाबले में अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की दूरी तक भाला फेंक ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया और पाकिस्तान के लिए गोल्ड जीता. वहीं, भारत के लिए नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर की थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता. ग्रेनाडा के पीटर्स ने जेवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता. 


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