Ranji Trophy में तिहरा शतक ठोक पृथ्वी शॉ ने रचा इतिहास, रिकॉर्ड बना फिर खटखटाया सेलेक्टर्स का दरवाजा
Pritvi Shaw Ranji Triple Hundred: लगभग 26 महीने से भारतीय टीम से बाहर चल रहे सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ इस समय घरेलू क्रिकेट में रनों की बारिश कर रहे हैं और रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ तिहरा शतक लगा फिर से चयनकर्ताओं का दरवाजा खटखटाया है.
Pritvi Shaw Ranji Triple Hundred: घरेलू क्रिकेट में लगातार बल्ले से रनों की बारिश कर रहे सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को लगभग 26 महीने के बाद भारतीय टीम में वापसी की उम्मीद है. पृथ्वी शॉ ने भारत के लिये अपना आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था जहां पर वो मैच की दोनों पारियों में एक ही तरह की गेंद पर बोल्ड होकर वापस पवेलियन लौटे थे. इसके बाद से जब उन्हें टीम के बाहर का रास्ता दिखाया गया वो अब तक वापसी की राह तलाश रहे हैं.
रणजी इतिहास का बनाया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर
इस दौरान शॉ ने अपनी बल्लेबाजों को पहले से ज्यादा खतरनाक बना लिया है और घरेलू क्रिकेट में लगातार उनका बल्ला रनों की बारिश कर रहा है. इस सीजन सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में शतक लगाया तो वहीं पर विजय हजारे वनडे ट्रॉफी में दोहरा शतक लगा चुके इस खिलाड़ी ने अब रणजी ट्रॉफी के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा निजी स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया.
रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ मुंबई की ओर से खेलते हुए पृथ्वी शॉ ने 379 रनों की पारी खेली और भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा निजी स्कोर बनाया. इस लिस्ट में महाराष्ट्र के लिए भाऊसाहेब निंबालकर का नाम सबसे ऊपर है जिन्होंने 1948-49 के रणजी सीजन में 443 रनों की पारी खेली थी. पृथ्वी के पास 400 रन बनाकर उनका रिकॉर्ड तोड़ने का मौका था लेकिन रियान पराग की गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू दिया गया जिसके चलते उनकी पारी यहीं पर समाप्त हो गई.
चयनकर्ताओं पर नहीं साधा था निशाना
पृथ्वी ने गुवाहाटी में चल रहे इस रणजी ट्रॉफी मैच में 383 गेंद का सामना कर 379 रन बनाये और बताया कि उन्हें रन बनाकर अच्छा जरूर लगा लेकिन उन्हें 400 न कर पाने को लेकर थोड़ी निराशा है. पृथ्वी ने भारतीय टीम में अपनी वापसी को लेकर बात की और बताया कि वो अब भी उम्मीद करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर पर होने वाली 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में वापसी करेंगे. इसको लेकर उन्होंने अगस्त में की गई अपनी सोशल मीडिया पर भी बात की.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पोस्ट सिर्फ इस बारे में थी कि वह (साईं बाबा) देख रहे हैं या नहीं. यह किसी (चयनकर्ताओं पर निशाना) के लिए नहीं था. यह व्यक्तिगत बात थी. कभी-कभी आप निराश हो जाते हैं. आप जानते हैं कि आप अपनी चीजें सही कर रहे हैं. आप जानते हैं कि आप अपनी प्रक्रियाओं पर सही चल रहे हैं, आप खुद के प्रति ईमानदार हैं, मैदान पर और बाहर अपने करियर के साथ अनुशासित हैं. लेकिन कभी-कभी लोग अलग तरह से बात करते हैं. जो लोग आपको जानते भी नहीं हैं वो आपको आंकते हैं. जब मैं अच्छा नहीं कर रहा था तो जो लोग मेरे साथ नहीं थे मैं वास्तव में उनकी परवाह नहीं करता. बस उन्हें अनदेखा करना पसंद करता हूं. यह सबसे अच्छी नीति है.’
वापसी के लिये इन खिलाड़ियों से मिल रही शॉ को टक्कर
शॉ का मानना है कि सफलता व्यक्ति को समझदार बनाती है लेकिन कठिन समय आपको थोड़ा जल्दी मेच्योर बना देता है. इसी के वजह से पिछले कुछ समय में जो उनके साथ हुआ है उसके चलते वो अपना भला और बुरा चाहने वालों के बीच फर्क करना सीख गये हैं. शॉ ने आगे बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल्स या उनके खिलाफ की गई बातें अब परेशान नहीं करती हैं. शॉ को वापसी के लिये फिलहाल केएल राहुल, शुबमन गिल और अभिमन्यु ईश्वरन की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी नहीं सोच रहा हूं कि कोई मुझे भारतीय टीम में बुलाएगा या नहीं. मैं बस अपनी चीजों को सही करने की कोशिश कर रहा हूं जो मैं कर सकता हूं और आगे के बारे में नहीं सोच रहा हूं. मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो एक बार में एक दिन जीना पसंद करता है. मुझे अपना आज सही बनाना है. मैं मुंबई के लिए खेल रहा हूं और लक्ष्य रणजी ट्रॉफी जीतना है. यह वास्तव में अच्छा लगता है. मैं 400 रन बना सकता था. मुझे लगता है कि मैं वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था लेकिन यह समय की बात थी क्योंकि बड़े रन नहीं आ रहे थे. मैंने सोचा मुझे क्रीज पर और अधिक समय बिताना चाहिए. धैर्य दिखाया और इस विकेट पर इसकी जरूरत थी.’
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