राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को दी खास सलाह- कहा- एक-दूसरे की जरूरत होगी
वहीं विराट कोहली और मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे अहम खिलाड़ी श्रृंखला के दौरान अनुपलब्ध रहे. टीम को श्रृंखला में कुछ युवा खिलाड़ी मिले जिन्होंने शानदार खेल दिखाया.
नई दिल्लीः भारत की इंग्लैंड पर पांच मैच की श्रृंखला में 4-1 की यादगार जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में प्रेरणादायक भाषण देते हुए राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट की मुश्किल डगर में फतह हासिल करने के लिए एकजुट बने रहने और एक इकाई के तौर पर खेलने की अहमियत बतायी. हैदराबाद में पहले टेस्ट में हारने के बाद मेजबान टीम ने शानदार वापसी करते हुए अगले चार मैच जीतकर श्रृंखला कब्जायी.
जानें क्या बोले राहुल द्रविड़
द्रविड़ ने ‘बीसीसीआई डॉट टीवी’ पर पोस्ट किये गये एक वीडियो में कहा, ‘‘इस तरह श्रृंखला को जीतना होता है और यह मुश्किल है. कभी कभार टेस्ट क्रिकेट मुश्किल होता है. यह आपके कौशल के मामले में, शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी मुश्किल होता है जैसा कि आपने देखा ही है. ’’ द्रविड़ ने कहा, ‘लेकिन अंत में यह बहुत संतोषजनक होता है. आपको श्रृंखला जीतने के बाद जो संतुष्टि मिलती है, मुझे लगता है कि यह अभूतपूर्व होती है. जैसे इस श्रृंखला में एक मैच में हार से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 4-1 से जीतना, कितना संतोषजनक है. ’’
युवा खिलाड़ियों को दी नसीहत
वहीं विराट कोहली और मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे अहम खिलाड़ी श्रृंखला के दौरान अनुपलब्ध रहे. टीम को श्रृंखला में कुछ युवा खिलाड़ी मिले जिन्होंने शानदार खेल दिखाया. इस श्रृंखला में भारत के पांच खिलाड़ियों रजत पाटीदार, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडीक्कल, सरफराज खान और आकाश दीप ने पदार्पण किया. जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा भी एक एक मैच में नहीं खेले. पर भारतीय कोच युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन करने से काफी खुश थे. उन्होंने कहा, ‘‘आप युवा खिलाड़ियों में ज्यादातर सभी को सफलता हासिल करने के लिए एक दूसरे की जरूरत होगी.
भले ही आप बल्लेबाज हो या गेंदबाज, आपकी सफलता दूसरे खिलाड़ी की सफलता से जुड़ी होगी. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी एक दूसरे की सफलता में भूमिका निभाओगे. आगे यह बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है. यह सिर्फ आपकी सफलता के बारे में नहीं है बल्कि आप किस तरह अन्य खिलाड़ियों को सफलता हासिल करने में मदद करते हो क्योंकि बदले में वो भी आपकी सफलता में मदद करेंगे.
द्रविड़ (51 वर्ष) इस बात से खुश थे कि जब भी खिलाड़ी दबाव में होते तो वे इससे निकलने के तरीके ढूंढते रहे. उन्होंने कहा, ‘‘श्रृंखला में ऐसा भी समय था जब हमें कड़ी चुनौती मिली और हम पिछड़ गये लेकिन हमने वापसी का तरीका ढूंढ लिया जो हमारे कौशल को दिखाता है कि हमारे पास कितना लचीलापन है, हमारा जज्बा कैसा है.
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