MS Dhoni, IPL: आईपीएल 2023 के 16वें सीजन के 37वें मैच में महेंद्र सिंह धोनी 4 साल बाद जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम पर खेलने उतरे, जहां पर उनका स्वागत करने के लिए फैन्स भी भारी मात्रा में पहुंचा. जयपुर में आमतौर पर सीटें राजस्थान रॉयल्स के फैन्स से भरी होती हैं लेकिन धोनी की वापसी में मैदान पीले रंग से साराबोर नजर आ रहा था तो वहीं पर धोनी के लिए जोर-जोर से चीयर हो रहा था.


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उथप्पा ने याद किया 4 साल पुराना किस्सा


टॉस में हार का सामना करने के बाद जब धोनी से फैन्स को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने राजस्थान के गढ़ में येलो फैन्स की ज्यादा तादाद पर हैरानी जताई. इस दौरान जियो सिनेमा के लिए कॉमेंट्री कर रहे रॉबिन उथप्पा ने इस मैदान पर खेले गये 4 साल पुराने उस मैच को याद किया जब राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेलते हुए धोनी ने कुछ ऐसा किया था जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.


उथप्पा ने उस किस्से को याद करते हुए बताया कि धोनी आज भी अपने उस फैसले पर पछताते हैं. उथप्पा यहां जिस मैच की बात कर रहे थे वो आईपीएल 2019 के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया था.


धोनी-रायडु ने बचाई थी सीएसके की नैया


सीएसके की टीम ने महज 24 रन पर अपने 4 विकेट खो दिये थे लेकिन वहां से धोनी (58) और अंबति रायडु (57) ने टीम की कमान संभाली और मुश्किलों से बाहर निकाला. आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिये 18 रन की दरकार थी और क्रीज पर धोनी के साथ जडेजा मौजूद थे. जडेजा ने पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर मैच को रोमांचक बना दिया लेकिन बेन स्टोक्स ने तीसरी गेंद पर धोनी का विकेट लेकर खेल का रुख बदल दिया.


आखिरी ओवर में शुरू हुआ था ड्रामा


हालांकि ड्रामा अभी शुरू ही हुआ था क्योंकि धोनी के जाने के बाद मिचेल सैंटनर बल्लेबाजी करने आये. सीएसके को जीत के लिए 3 गेंद में 8 रन की दरकार थी. स्टोक्स ने धीमी गेंद फेंकने की कोशिश की और गेंद हाथ से छूट गई और कमर से ऊपर की फुलटॉस बन गई. अंपायर उल्लास गांधे ने इस नो बॉल करार दिया लेकिन स्क्वॉयर लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफॉर्ड ने फैसला खारिज करते हुए इसे लीगल डिलिवरी करार दिया.


स्क्वॉयर लेग अंपायर के फैसले पर खफा हो गये थे धोनी


ये वो लम्हा था जहां से समस्या की शुरुआत हुई. आमतौर पर स्क्वॉयर लेग अंपायर गेंद की ऊंचाई को देखते हुए नो बॉल देता है लेकिन उसके पास ये अधिकार नहीं होता कि वो सामने खड़े अंपायर के निर्णय को बदल दे. हालांकि स्क्वॉयर अंपायर ने जैसे ही निर्णय बदला, गुस्साये धोनी मैदान में पहुंच गये और अंपायर से बहस करने लगे लेकिन इसके बावजूद वो अंपायर को निर्णय बदलने के लिए राजी नहीं कर सके.


सैंटनर ने आखिरी गेंद पर दिलाई थी जीत


अंपायर के इस खराब फैसले के बावजूद सैंटनर ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर चेन्नई सुपर किंग्स को जीत दिला दी. धोनी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया लेकिन मैदान पर घुसकर अंपायर्स के साथ बहस करने की काफी आलोचना भी हुई. इसी घटना को याद करते हुए उथप्पा ने कहा कि धोनी आज भी अपने उस कदम पर पछताते हैं.


धोनी को आज भी है उस बात का पछतावा


उन्होंने कहा,’ दरअसल मैंने इसको लेकर उनसे बात की थी, उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुरंत ही आउट हो कर आया था और खुश नहीं था. मैं डगआउट में आकर खड़ा हुआ था. मैंने देखा कि सामने वाला अंपायर नो बॉल के लिए खड़ा कर रहा है. सामनेम वाला अंपायर मैच को कंट्रोल करता है. उसका कहना था कि एक बार आपने नो बॉल कह दिया तो आप इसे वापस नहीं ले सकते हैं. उसी गर्मा-गर्मी में वो मैदान के अंदर चले गये. हालांकि उन्हें इस बात का दुख है. धोनी ने कहा था कि काश मैं वो नहीं करता.’


सुरेश रैना ने भी इस पर बात करते हुए कहा कि मैं उनके ठीक पीछे बैठा था, मैं ऐसा था कि ये कहां जा रहे हैं. मैंने उन्हें कभी भी इस तरह से नही देखा था.


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