नई दिल्लीः मंगलवार 16 जनवरी को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने अपनी कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में WFI ने फैसला किया है कि संघ खेल मंत्रालय के फैसले को चुनौती नहीं देगा. WFI इस मुद्दे को पहले बातचीत के जरिए सुलझाने का प्रयास करेगा, लेकिन अगर मामला बातचीत से नहीं सुलझता है, तो फिर वे कानून विकल्पों पर विचार कर सकते हैं. 


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‘खेल मंत्रालय से टकराव नहीं चाहता WFI’
कार्यकारी परिषद के बैठक की अध्यक्षता WFI अध्यक्ष संजय सिंह ने की. बैठक में 12 अन्य चयनित सदस्यों ने भाग लिया. हालांकि, महासचिव प्रेम चंद लोंचाब और सीनियर उपाध्यक्ष देवेंद्र कादियान ने बैठक में भाग नहीं लिया. संजय सिंह ने बैठक के बाद कहा, ‘हम सरकार से टकराव नहीं चाहते. हम अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा रहे. हम मंत्रालय से समय मांगेंगे और सरकार से बात करने की कोशिश करेंगे.’ 


‘सरकार ने स्पष्ट नहीं किया कैसे हटेगा निलंबन’
संजय सिंह से जब यह पूछा गया कि अगर उन्हें सरकार की तरफ से समय नहीं मिला तो वे क्या करेंगे? इस पर उन्होंने कहा, ‘पहले कोशिश तो कर लें. हम जानना चाहते हैं कि निलंबन हटाने के लिए क्या करना होगा. यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने निलंबन के समय कुछ शर्ते रखी थीं. निलंबन का कारण चुनाव नहीं कराना था. सरकार ने हमें निलंबित किया लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह निलंबन कैसे हटेगा.’ 


29 से 31 जनवरी तक होगा नेशनल चैम्पियनशिप
उन्होंने कहा कि प्रदेश संघों ने कहा है कि पुणे में WFI द्वारा नेशनल चैम्पियनशिप कराए जाने पर वे टीमें भेजेंगे और जयपुर में नहीं भेजेंगे, जहां तदर्थ समिति टूर्नामेंट कराना चाहती है. समझा जाता है कि प्रदेश संघों द्वारा ट्रायल के जरिए चुने गए कई पहलवानों ने पुणे की टिकट बुक करा ली है, जहां 29 से 31 जनवरी तक WFI राष्ट्रीय चैम्पियनशिप कराने जा रहा है. तदर्थ समिति ने तीन फरवरी से जयपुर और उसके बाद जूनियर वर्ग की चैम्पियनशिप ग्वालियर में कराने की घोषणा की है. 


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