IND vs WI: सीरीज जीतने के बावजूद टीम इंडिया से निराश होंगे सेलेक्टर, 3 वजह कर देंगी परेशान
IND vs WI ODI Series: टीम इंडिया ने सीरीज भले ही जीत ली हो लेकिन पहले दो मुकाबलों ने भारत की असलियत दुनिया के सामने उजागर कर दी. लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर टीम इंडिया कमजोर वेस्टइंडीज के सामने लड़खड़ा क्यों रही है.
IND vs WI ODI Series: भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए दूसरे मैच में भी टीम इंडिया ने जीत दर्ज की. टीम इंडिया की जीत के हीरो बने अक्षर पटेल. उन्होंने पहले गेंदबाजी से जौहर दिखाया और फिर धाकड़ बल्लेबाजी करते पूरी सीरीज भारत की झोली में डाल दी. इसके साथ ही वनडे सीरीज में शिखर धवन की अगुवाई में भारतीय टीम ने अजेय बढ़त हासिल कर ली.
टीम इंडिया ने सीरीज भले ही जीत ली हो लेकिन पहले दो मुकाबलों ने भारत की असलियत दुनिया के सामने उजागर कर दी. जिन युवा गेंदबाजों और बल्लेबाजों की प्रतिभा को ध्यान में रखकर बीसीसीआई के सेलेक्टर भविष्य की टीम बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उन खिलाड़ियों की क्षमताओं पर सवाल खड़े हो गए.
कमजोर वेस्टइंडीज के सामने क्यों दबाव में दिख रहे खिलाड़ी
लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर टीम इंडिया कमजोर वेस्टइंडीज के सामने लड़खड़ा क्यों रही है. सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि दोनों मैचों में विंडीज टीम ने 300 से ज्यादा रन बनाए. भारतीय तेज गेंदबाज विकेट तो ले रहे हैं लेकिन उनमें वो आक्रामकता नजर नहीं आ रही है जिस वजह से उन्हें मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह का उत्तराधिकारी कहा जा सके. विदेश में खेलने का दबाव युवा खिलाड़ियों पर साफ दिख रहा है.
बल्लेबाजों को रन बनाने से नहीं रोक पा रहे गेंदबाज
दूसरे वनडे में डेब्यू कर रहे आवेश खान ने 6 ओवर में 54 रन लुटा दिए. वहीं शार्दुल ठाकुर भी 7.7 से ज्यादा की इकॉनमी से वनडे में रन लुटा रहे हैं. क्रिकेट में विकेट लेना और बल्लेबाज को रन बनाने से रोकना, इन दोनों बातों में अंतर होता है. कामयाब गेंदबाज उसे ही माना जाता है जिसके खिलाफ बल्लेबाजों को रन बनाने में मुश्किल हो.
लिमिटेड ओवर क्रिकेट नई गेंद का इस्तेमाल और बल्लेबाजी क्रम पर दबाव बनाने की कला सबसे अहम होती है. लेकिन भारतीय गेंदबाजों में इस कला की कमी वेस्टइंडीज दौरे पर साफ झलक रही है. दोनों वनडे जो भारत ने जीते हैं उनमें उसे आखिरी ओवर तक संघर्ष करना पड़ा. वो भी उस टीम के सामने जो लगातार 8 मैच हार चुकी है और एक एक जीत को तरस रही है.
अच्छी शुरुआत के बावजूद लड़खड़ा रहे बल्लेबाज
शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन जैसे बल्लेबाज वेस्टइंडीज जैसी टीम के खिलाफ दबाव में दिख रहे हैं. अच्छी शुरुआत के बावजूद ये बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने और मैच फिनिश करने में नाकाम रहे. इसी वजह से मशहूर क्रिकेट एक्सपर्ट हर्षा भोगले ने भी भारत के कुछ खिलाड़ियों की खिंचाई की. इन बल्लेबाजों को ध्यान में रखकर भविष्य की टीम तैयार की जा रही है. इन खिलाड़ियों को रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है.
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