नई दिल्ली: भारत को खेलों के मैदान से इस साल कई ऐतिहासिक खबरें सुनने को मिली. देश ने खेल जगत में एक साथ कई अनूठे रिकॉर्ड कायम किए. पिछले 100 सालों में जो कभी नहीं हो सका वो इस खिलाड़ियों ने कर दिखाया. 


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हालांकि कई खिलाड़ियों के लिए ये साल बहुत बुरा साबित हुआ और उनका करियर पूरी तरह खत्म हो गया. 


ओलंपिक इतिहास में एथेलिटक्स में मिला पहला मेडल


टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और इस गौरव गाथा के नायक रहे नीरज चोपड़ा जिनके भाले ने भारत के ओलंपिक इतिहास का सुनहरा अध्याय लिख डाला. 


वहीं आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय हॉकी का चार दशक पुराना इंतजार कांस्य पदक के साथ खत्म हुआ तो क्रिकेट में आईसीसी टूर्नामेंटों में भारत की झोली खाली रहने के बाद विराट कोहली और रवि शास्त्री के दौर का अंत हो गया. 


इस साल हो गया सुशील कुमार का पतन


वर्ष 2021 में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार के पतन को भी खेलप्रेमियों ने देखा. 


ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में पहली बार राष्ट्रगान बजा तो टीवी पर नजरें गड़ाये बैठे एक अरब से अधिक भारतीयों की आंखें नम हो गई. 


नीरज चोपड़ा ने बनाया कीर्तिमान


आजादी के बाद से 74 साल में ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड पर भारत को पहला चैम्पियन मिला और पूरे देश ने उसे सिर आंखों पर बिठा लिया. यह लाजमी भी था क्योंकि अतीत में एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक से मामूली अंतर से चूकने का दर्द दो बार भारत ने झेला था. 


अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता था जिसके बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत का यह दूसरा स्वर्ण था। भारत ने ओलंपिक में छह और पदक जीते. पहले ही दिन मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन में 49 किलो वर्ग में 202 किलो वजन उठाकर भारत का खाता खेाला. 


41 साल बाद पोडियम पर चढ़े हॉकी के खिलाड़ी


रियो ओलंपिक 2016 में एक भी वैध लिफ्ट नहीं कर सकी चानू ने टोक्यो के रजत से दृढ इच्छाशक्ति, जुझारूपन और लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्धता की एक नयी दास्तान लिख दी. एक और इतिहास रचा गया हॉकी के मैदान पर. 


ओलंपिक में भारत के दबदबे की कहानियां सुनकर बड़े हुए साधारण परिवारों से आये लड़कों ने 41 साल बाद पोडियम पर खड़े होकर उस गौरवशाली इतिहास की यादें ताजा करा दी. 


महिला हॉकी खिलाड़ियों ने पहली बार बनाई सेमीफाइनल में जगह


कप्तान मनप्रीत सिंह और दीवार की तरह गोल के आगे डटे रहने वाले पी आर श्रीजेश की अगुवाई में भारतीय खिलाड़ियों ने तोक्यो में प्लेआफ में जर्मनी को 5- 4 से हराकर कांस्य पदक जीता. भारतीय महिला टीम शुरूआती तीन मैच हारने के बाद वापसी करते हुए पदक तक पहुंची लेकिन उसे चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा.


यह भी कम उपलब्धि नहीं थी और इसने महिला हॉकी को गंभीरता से लेने के लिये खेलप्रेमियों को विवश किया. महिला हॉकी को उसका सम्मान और स्थान दिलाया. 


कुश्ती में नजरें विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर थी लेकिन छिपे रूस्तम साबित हुए रवि दहिया. उन्होंने 57 किलोवर्ग में रजत पदक जीता और सुशील कुमार के बाद यह कारनामा करने वाले वह दूसरे भारतीय पहलवान बने. बजरंग को कांस्य पदक मिला. विनेश हालांकि दूसरे दौर में ही बाहर हो गई. 


पीवी सिंधू ने लगातार दूसरी बार जीता मेडल


दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील एक अन्य पहलवान सागर धनकड़ की हत्या के आरोप में तिहाड़ जेल में हैं. बैडमिंटन में पी वी सिंधू ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा के दो पदक जीतने वाली सुशील के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनी. सिंधू ने कांस्य पदक जीता.


विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में किदाम्बी श्रीकांत ने रजत और लक्ष्य सेन ने कांस्य पदक जीतकर वर्ष का अंत अच्छा किया. मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता लेकिन एम सी मेरीकॉम, पूजा रानी और चार पुरूष मुक्केबाज नाकाम रहे. इस साल भारत को जहां खेलों में नये नायक मिले, वहीं क्रिकेट में विराट कोहली की चमक फीकी पड़ी. 


कोहली के क्रिकेट करियर का सबसे बुरा साल 


विश्व कप के बाद कोहली ने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. उनका वनडे टीम की कप्तानी छोड़ने का कोई इरादा नहीं था लेकिन उनकी जगह रोहित शर्मा को कप्तान बनाया गया. इसके बाद बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली और कोहली के मतभेद उजागर हो गए. दोनों ने एक दूसरे के बयानों का सार्वजनिक तौर पर खंडन किया. 


टी20 विश्व कप से भारत के जल्दी बाहर होने के साथ ही कोहली और रवि शास्त्री का दौर भी खत्म हो गया. अब सीमित ओवरों में कमान रोहित और नये कोच राहुल द्रविड़ के हाथ में है. भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से हार गया हालांकि आस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर टेस्ट श्रृंखला में हराया. 


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फुटबॉल में भारत ने रिकॉर्ड आठवीं बार सैफ चैम्पियनशिप जीती. सुनील छेत्री ने सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय गोलों के मामले में पेले को पीछे छोड़कर लियोनेल मेस्सी की बराबरी की. 


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