नई दिल्ली: विराट कोहली लंबे समय से टेस्ट शतक को तरस रहे हैं. उनका बल्ला करीब ढाई सालों से खामोश है. पूर्व कप्तान कोहली फैंस के निशाने पर तो हैं ही साथ में उन्हें पूर्व क्रिकेटरों से भी नसीहत सुनने को मिल रही है. 


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गावस्कर ने बताई विराट कोहली की असली कमी


महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर को लगता है कि विराट कोहली की स्विंग से निपटने के लिये गेंद को जल्दी खेलने की रणनीति उलटी पड़ गयी और इंग्लैंड की परिस्थितियों में उनकी सलाह हमेशा यही रहेगी कि जितना हो सके, गेंद को उतना देर से खेलो. कोहली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतक जड़े हुए ढाई साल से ज्यादा हो गये है. 


उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ हाल में समाप्त हुए पांचवें टेस्ट में 11 और 20 रन बनाये जिसमें भारत को सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा. गावस्कर ने कहा, ‘‘इंग्लैंड में खेलने का तरीका है कि गेंद को जितना देर से हो, उतना देर से खेलो. इससे आप गेंद को अपना काम करने दोगे और फिर इसके बाद ही खेलोगे. मैंने ‘हाईलाइट’ में जो भी थोड़ा बहुत देखा है, उससे लग रहा था कि कोहली गेंद तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे और गेंद को जल्दी खेलने का प्रयास कर रहे थे. ’’ 


लेट खेलने की आदत डालें कोहली- गावस्कर


उन्होंने साथ ही कहा कि कोहली को 2018 में इंग्लैंड में सफलता मिली थी क्योंकि वह गेंद को काफी देर से खेल रहे थे. गावस्कर ने कहा, ‘‘इसलिये वह 2018 की तरह खेलते नहीं दिख रहे जिसमें वह ऑफ स्टंप के पास काफी देर से खेलते हुए दिख रहे थे. ’’ उन्हें लगता है कि कोहली इस नयी रणनीति को शायद इसलिये आजमा रहे हैं क्योंकि हाल के वर्षों में उनकी फॉर्म में गिरावट आयी है और वह रन नहीं जुटा पा रहे. ऐसे समय में खिलाड़ी प्रत्येक गेंद को खेलने की कोशिश करता है और अकसर खतरे में पड़ जाता है. 


उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका मुद्दा हो सकता है क्योंकि वह रन नहीं बना पा रहे हैं. जब आप फॉर्म में नहीं होते तो आप लगभग हर गेंद को खेलने की कोशिश करते हो और रन बनाने की कोशिश में हर गेंद को हिट करना चाहते हो. शायद वह इस चीज पर ध्यान दे सकते हैं. ’’ 


गावस्कर बोले कोहली का भाग्य साथ नहीं दे रहा


पूर्व कप्तान गावस्कर को लगता है कि कोहली का भाग्य भी साथ नहीं दे रहा. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह जो पहली गलती कर रहे हैं, वह उनकी अंतिम गलती साबित हो रही है. शायद इस समय भाग्य भी उनका साथ नहीं दे रहा. 


गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता कि निश्चित रूप से आप थोड़ी योजना बनाते हो, मन में थोड़ी कल्पना करते हो कि अगले दिन गेंदबाज क्या करेगा. इसलिये आप क्रीज के बाहर रह सकते हो, लेकिन आप बल्लेबाजी में एक पूर्वनिर्धारित योजना के साथ जा रहे हो, जिसका मतलब है कि गेंदबाज को उसी लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी करनी होगी, जिसकी आप उम्मीद कर रहे हो. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर वह उस लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी नहीं करता तो आप मुश्किल में हो. ’’ 


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गावस्कर ने कहा कि क्रिकेट खेल हमेशा स्वाभाविक प्रतिक्रिया के बारे में है. आप गेंदबाज की ताकत को समझने के लिये अतिरिक्त तैयारी कर रहे हो लेकिन आखिर में यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया से खेलने वाला खेल है.


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