नई दिल्ली: CWG 2022 India vs Australia Women's Hockey Semi-final: राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम की ऑस्ट्रेलिया के हाथों से सेमीफाइनल में विवादास्पद हार हुई. इस मैच में अंपायरिंग सवालों के घेरे में है. पेनाल्टी शूटआउट में ऑस्ट्रेलिया को घड़ी न चलने की वजह से फायदा हुआ जिसकी मदद से कंगारू टीम फाइनल में पहुंच गई. 


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हार के बाद भारतीय कोच यानेक शोपमैन ने कहा कि घड़ी की गलती के कारण उनके खिलाड़ियों ने लय खो दी और इससे वे काफी निराश और गुस्से में थी. 


फाइनल में जाने का सपना टूटा


ऑस्ट्रेलिया ने पेनल्टी शूटआउट में भारत को विवादास्पद तरीके से 3-0 से हराया और भारतीय महिला हॉकी टीम का फाइनल में जाने का सपना टूट गया. ऑस्ट्रेलिया स्वर्ण पदक के मुकाबले में इंग्लैंड से भिड़ेगा. पेनल्टी शूटआउट के दौरान अपना पहला प्रयास चूकने वाली ऑस्ट्रेलिया की रोजी मेलोन को एक और मौका दिया गया क्योंकि स्कोर बोर्ड पर आठ सेकंड की उलटी गिनती शुरू नहीं हुई थी. मेलोन दूसरा मौका मिलने पर नहीं चुकी और उन्होंने अपनी टीम को बढ़त दिला दी. इंग्लैंड के तकनीकी अधिकारी बी मोर्गन के इस फैसले से भारतीय प्रशंसक गुस्से में थे. प्रत्येक खिलाड़ी को शूटआउट में गेंद को जाली में डालने के लिए आठ सेकंड का समय मिलता है. 


मेलोन को दोबारा मौका मिलने के बाद भारतीय टीम लय गंवा बैठी और अपने पहले तीन प्रयास में गोल करने में नाकाम रही. दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया ने अपने सभी मौकों को भुनाया. शोपमैन ने मैच के बाद कहा कि इससे हमने थोड़ी लय गंवा दी. इस फैसले से हर कोई निराश था. मैं इसे बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं कर रही हूं लेकिन जब आप शूटआउट में बचाव करते हैं तो इससे आपका मनोबल बढ़ता है. हमारी खिलाड़ी इस फैसले से वास्तव में बहुत निराश थी.


उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकारी ने हाथ ऊपर उठा रखा था लेकिन वास्तव में मुझे पता नहीं था. दोनों अंपायर इंग्लैंड के ए चर्च और एच हैरिसन को भी पता नहीं था. इसलिए मैं निराश थी क्योंकि अंपायर ने कहा कि इस शॉट को फिर से लेना होगा. शोपमैन ने कहा कि मैंने खिलाड़ियों को शांत बनाए रखने की कोशिश की. यह बराबरी का मुकाबला था लेकिन इस घटना के बाद उनकी एकाग्रता थोड़ी भंग हो गई.



 


भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को दी जोरदार टक्कर


दोनों टीम नियमित समय तक 1-1 से बराबरी पर थी जिसके बाद पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया. शोपमैन ने कहा, ‘‘भावनाएं हावी हो गई थी. हमें इससे बेहतर करना चाहिए और यही मैं लड़कियों को समझाना चाहती थी. मैं उनसे कह रही थी कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन वास्तव यह मायने रखता है और इसलिए मैं गुस्से में हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि अधिकारियों को भी पता था कि तब क्या हुआ. भारतीय कोच ने कहा कि उन्होंने कहा कि यह उनका फैसला नहीं है. मैंने कहा कि आस्ट्रेलिया ने शिकायत नहीं की है. वह जानते हैं कि वह गोल करने से चूक गए हैं, लेकिन उन्हें दोबारा गोल करने का मौका मिल गया. भारतीय कप्तान सविता पूनिया ने हालांकि इस घटना को खास तवज्जो नहीं दी. 


उन्होंने कहा, ‘‘शूटआउट में भाग्य ने हमारा साथ नहीं दिया. हमने पहला गोल बचा दिया था लेकिन हमें बताया गया कि अभी घड़ी शुरू नहीं हुई थी.’’ सविता ने कहा, ‘‘इसने निश्चित तौर पर खिलाड़ियों की मनस्थिति पर प्रभाव डाला लेकिन हमें हमारी कोच ने बताया कि यह सब खेल का हिस्सा है और हमें वापसी की कोशिश करनी चाहिए.’’ 


वीरेंद्र सहवाग ने उठाए सवाल


पूर्व क्रिकेटर ने CWG जैसी वैश्विक इवेंट में इतनी बड़ी गलती की अक्षम्य बताया. उन्होंने इसे टीम इंडिया के खिलाफ गहरी साजिश करार दिया. सहवाग ने ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि क्रिकेट में हम जब तक सुपर पावर नहीं बने तब तक हमारे साथ भी ऐसा पक्षपात होता था. हॉकी में भी जल्द सुपर पावर बनेंगे और सभी घड़ियां समय पर स्टार्ट होंगी. भारतीय लड़कियों पर गर्व है. 



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