नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली 3 मैचों की वनडे सीरीज के लिए शिखर धवन को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई है. 


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इससे पहले धवन को जिम्बाब्वे के खिलाफ भी कप्तान बनाया गया था लेकिन केएल राहुल के फिट होने पर उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था. इस सवाल पर शिखर धवन ने जवाब दिया कि उनको भगवान पर बहुत भरोसा है और यही वजह है कि जब जिंबाब्वे दौरे के दौरान उनकी जगह केएल राहुल को कप्तानी सौंपी गई तो वह आहत नहीं हुए थे. 


राहुल की वजह से धवन को होना पड़ा था अपमानित


नियमित कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में अमूमन वनडे टीम की अगुवाई करने वाले धवन को इस साल अगस्त में जिंबाब्वे दौरे में होने वाले तीन वनडे मैचों के लिए कप्तान नियुक्त किया गया था लेकिन केएल राहुल के फिट होने के बाद पूर्व राष्ट्रीय चयन समिति ने उनसे कप्तानी छीन ली थी.धवन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच की पूर्व संध्या पर कहा,‘‘मैं आहत नहीं हुआ था क्योंकि कुछ चीजें पहले से ही निर्धारित होती हैं और जो कुछ भी होता है वह हमारे भले के लिए होता है.’’ 


उन्होंने कहा,‘‘और अगर आप जिंबाब्वे दौरे के बाद देखेंगे तो मुझे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के लिए फिर से कप्तान बनाया गया और उसी चयन समिति ने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी. इसलिए जिंबाब्वे में जो कुछ हुआ उससे मुझे थोड़ा भी दुख नहीं हुआ था.भगवान जो कुछ करता है अच्छे के लिए करता है.’’ 


करियर के इस पड़ाव में मिल रहा कप्तानी का मौका


शिखर धवन ने कहा, ‘‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि करियर के इस पड़ाव में मुझे भारत की कप्तानी करने का मौका मिला है.’’ उन्होंने जिंबाब्वे दौरे में राहुल को कप्तानी सौंपने के कारणों पर भी बात की. धवन ने कहा,‘‘ जिंबाब्वे में राहुल को इसलिए कप्तान बनाया गया क्योंकि वह मुख्य टीम का उपकप्तान है. उसे उस श्रृंखला के बाद एशिया कप में खेलना था और यदि रोहित चोटिल हो जाता तो राहुल को कप्तानी करनी थी. इसलिए बेहतर यही था कि वह जिंबाब्वे में कप्तानी करे. इसलिए इस परिप्रेक्ष्य में यह सही फैसला था.’’ 


37 साल के होने वाले हैं  शिखर धवन


धवन ने अभी तक 161 वनडे खेले हैं जिनमें उन्होंने 6672 रन बनाए हैं. वह पांच दिसंबर को 37 साल के हो जाएंगे और जानते हैं कि जहां तक उनका सवाल है तो गलती के लिए बहुत कम गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि केवल एक प्रारूप में खेलने से वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.उन्होंने कहा,‘‘ यह पूरी तरह से व्यक्ति पर निर्भर करता है.मैं इसे भगवान की कृपा मानता हूं कि मैं केवल एक प्रारूप में खेल रहा हूं. इससे मुझे अपने अन्य काम पूरे करने में मदद मिलती है.जब मैं तीनों प्रारूप में खेलता था उसकी तुलना में मैं अधिक तरोताजा और मजबूत रहता हूं.’’ 


शिखर धवन जानते हैं एक बार रोहित और राहुल की वापसी के बाद शीर्ष क्रम में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी तथा उनके अलावा शुभमन गिल भी सलामी बल्लेबाज के दावेदार होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘अब तीनों प्रारूप में कई खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और यह अच्छी बात है.एक प्रारूप में खेलने की अपनी चुनौतियां है लेकिन मैं खुद को तैयार रखता हूं.’’ 


 


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