नई दिल्लीः Ind vs SA T20: रोहित शर्मा की नेतृत्व क्षमता के मुरीद सूर्यकुमार यादव ने स्वीकार किया कि वह 'उनकी कप्तानी के तरीके' का अनुसरण करते हैं और अपनी टीम के साथ मैदान के बाहर काफी समय बिताते हैं जिसका असर उनके मैदानी प्रदर्शन पर दिखता है. रोहित की तरह ही सूर्यकुमार अपने खिलाड़ियों की मानसिकता को समझकर उन्हें एकजुट रखने और मुश्किल समय में संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं.


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टी20 विश्व कप में विजयी अभियान के बाद भारत के सबसे छोटे प्रारूप के कप्तान के रूप में कार्यभार संभालने वाले सूर्यकुमार ने निश्चित रूप से अपनी कप्तानी की जरूरतों के अनुसार इसमें बदलाव किया है. 


'जीत और हार खेल का अहम हिस्सा'


दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच की पूर्व संध्या पर सूर्यकुमार से जब न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की टेस्ट सीरीज में मिली 0-3 की हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जीतना और हारना खेल का अहम हिस्सा है. सभी ने कड़ी मेहनत की है. कभी आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं और कभी नहीं.' उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे (रोहित) सीखा है कि जिंदगी में संतुलन बहुत जरूरी है. अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भले ही आप हार जाएं लेकिन आपका जज्बा नहीं बदलना चाहिए. खिलाड़ी में यह गुण होना चाहिए.'


सूर्यकुमार के लिए रोहित कप्तान नहीं बल्कि एक नेतृत्वकर्ता हैं. दुनिया के इस शीर्ष टी20 बल्लेबाज ने कहा, 'एक नेतृत्वकर्ता वो होता है जो तय करता है कि उसकी टीम एक विशेष प्रारूप में किस तरह से खेलेगी.' 


दोनों करीब एक दशक तक रणजी ट्रॉफी टीम मुंबई और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस में एक साथ खेल चुके हैं जिससे रोहित की कप्तानी की शैली उनके अंदर कूट कूट कर भर चुकी है. 


रोहित को नोटिस करते हैं सूर्यकुमार


सूर्यकुमार ने कहा, 'जब मैं मैदान पर होता हूं तो मैं उन्हें नोटिस करता रहता हूं. उनकी भाव भंगिमा किस तरह की है और वह हमेशा शांत रहते हैं. वह अपने गेंदबाजों से किस तरह से बात करते हैं और मैदान के अंदर और बाहर सभी से किस तरह से बातचीत करते हैं. मैं जानता हूं कि वह अपने खिलाड़ियों से किस तरह का बर्ताव करते हैं और उन्हें क्या चाहते हैं.'


उन्होंने हंसते हुए कहा, 'मैंने उनकी तरह जो तरीका अख्तियार किया है, वह सफल रहा है. निश्चित रूप से मैंने भी इसमें अपना ‘मसाला’ (अपने विचार) डाले हैं. पर यह सहज रहा है.'


टेस्ट टीम में वापसी पर क्या बोले?


भारत में पिछली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान डेब्यू करने वाले सूर्यकुमार को एक से अधिक टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला क्योंकि पिछले साल 50 ओवर के विश्व कप के बाद से उन्हें एक ही प्रारूप का खिलाड़ी कर दिया गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें टेस्ट में वापसी की उम्मीद है तो उन्होंने इसका सटीक और व्यावहारिक जवाब देते हुए कहा, 'मेरी टेस्ट वापसी तब होगी, जब यह होनी होगी. मैं हर घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा लेता हूं, चाहे वह लाल गेंद की हो या सफेद गेंद की.'


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