नई दिल्ली. मौजूदा वक्त में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. साइबर ठगों द्वारा अक्सर ही लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ करने के मामले सामने आ रहे हैं. आए दिन बैंकों और पुलिस के पास बैंक ठगी की शिकायतें आती रहती हैं. बैंकिंग धोखाधड़ी के इन मामलों पर लगाम लगाने के लिए दुनिया भर के बैंकों द्वारा मौजूदा सिस्टम में एम्बेडेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI विकसित किया जा रहा है. 


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31 बिलियन डॉलर एक्स्ट्रा होंगे खर्च


धोखाधड़ी को कम करने के लिए 2025 तक दुनिया भर के बैंकों द्वारा मौजूदा सिस्टम में एम्बेडेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर अतिरिक्त 31 बिलियन डॉलर खर्च होने की उम्मीद है.
इसी तरह दुनिया भर में बैंकिंग अधिकारियों के लिए, धोखाधड़ी के मामलों को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. आईडीसी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है. आईडीसी फाइनेंशियल इनसाइट्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट माइकल अरनेटा ने कहा, डिजिटल प्रोडक्ट्स और सर्विस, नए चैनलों और नई भुगतान के साथ आने की प्रक्रिया में, व्यवसाय धोखाधड़ी के खिलाफ मौजूदा रक्षा तंत्र को कम कर सकते हैं. 


धोखाधड़ी रोकने के लिए लगातार अपडेट रहने की जरूरत 


अरनेटा ने इस एआई सिस्टम पर बयान देते हुए कहा कि,  धोखाधड़ी प्रबंधन क्षमताओं को निरंतर अपडेट करने की आवश्यकता है. बैंकिंग इंडस्ट्री धोखाधड़ी जैसे अपराधों का सामना कर रही है. हम ऐसा सिस्टम बनाना चाहते हैं जो इस पर लगाम लगा सके. वित्तीय सेवा संस्थानों, बैंकों, बीमा कंपनियों और पूंजी बाजार जैसी फर्मों को राजस्व और जोखिम प्रबंधन के बीच संतुलन बनाना चाहिए. 


तेजी से बढ़ रहे बैंकिंग ठगी के मामले


मौजूदा दौर में जैसे जैसे ऑनलाइन और साइबर बैंकिंग का चलन बढ़ा है, उसी स्तर पर बैंकिंग फ्रॉड भी बढ़े हैं. साइबर ठगों द्वारा आए दिन बैंकिंग अपराधों को अंजाम देने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. बैंकों द्वारा समय समय पर इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए ट्विटर या वेूसाइट पर अलर्ट भी जारी किया जाता है.



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