सैन फ्रांसिस्को. एक नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ज्‍यादा नौकरियों को प्रभावित नहीं कर पाएगी. इससे पहले दुनियाभर के शोधकर्ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण जल्द ही नौकरियां खत्म होने की आशंका जाहिर करते रहे हैं. एमआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी (सीएसएआईएल) द्वारा किए गए एक हालिया शोध में जांच की गई कि क्या एआई मनुष्यों की तुलना में अधिक कुशलता से कार्य कर सकता है और क्या व्यवसायों के लिए मानव श्रम को एआई के साथ बदलना लागत प्रभावी है.


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क्या कहती है रिसर्च
इस रिसर्च में पाया गया कि कंप्यूटर विजन एआई वर्तमान में उन कार्यों को स्वचालित कर सकता है जो कृषि को छोड़कर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में श्रमिकों के वेतन का 1.6 प्रतिशत बनाते हैं. पूरी अर्थव्यवस्था के 0.4 प्रतिशत के बराबर उन वेतनों का केवल 23 प्रतिशत ही कंपनियों के लिए मौजूदा लागत पर मानव श्रमिकों को काम पर रखने के बजाय स्वचालित करना सस्ता होगा.


रिसर्चर्स का कहना है-हमने पाया है कि आज की कीमत पर अमेरिकी व्यवसाय 'एआई एक्सपोजर' वाले अधिकांश विजन कार्यों को स्वचालित नहीं करने का विकल्प चुनेंगे और विजन कार्यों के लिए भुगतान किए जाने वाले श्रमिकों के वेतन का केवल 23 प्रतिशत स्वचालित करना आकर्षक होगा. अध्ययन में उन दृष्टि कार्यों के उदाहरण शामिल थे, जिन्हें एआई हासिल कर सकता है, जिसमें अस्पताल के नैदानिक उपकरणों से छवियों का विश्लेषण करना या ट्रे की जांच करना शामिल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनमें सही वस्तुएं हैं.


रिसर्चर्स ने कहा-हमने पाया कि औसत कर्मचारी एक ऐसी फर्म में काम करता है जहां किसी भी विजन कार्य को स्वचालित करना लागत प्रभावी नहीं है. यहां तक कि 5,000 कर्मचारियों वाली एक फर्म यानी अमेरिका में 99.9 प्रतिशत से बड़ी कंपनियां मौजूदा लागत संरचना पर अपने मौजूदा विजन श्रम के दसवें हिस्से से भी कम लागत को प्रभावी ढंग से स्वचालित कर सकती हैं.


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