नई दिल्ली: अमेरिका के अलास्का राज्य में केनाई प्रायद्वीप के एक व्यक्ति के अलास्का पॉक्स से मौत होने का मामला सामने आया है. ''द' सन में छिपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस से पीड़ित एक बुजुर्ग व्यक्ति की इस साल जनवरी के अंत में अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. अलास्का के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इस बीमारी से मौत का यह पहला मामला. 


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क्या होता है अलास्का पॉक्स? 
बता दें कि अलास्का पॉक्स ऑर्थोपॉक्स वायरस नाम के एक वायरस के ग्रुप का हिस्सा है, जो स्तनघारी ( Mammals) जीवों को संक्रमित करता है. इससे त्वचा में घाव होता है. अलास्का पॉक्स स्मॉल पॉक्स, काउपॉक्स और M पॉक्स (पूर्व में मंकी पॉक्स) के समान परिवार में है. साल 2015 में पहली बार इसकी पहचान की गई थी जब फेयरबैंक्स के पास रहने वाली एक महिला के शरीर में चकत्ते और सूजे हुए लिम्फ नोड्स देखे गए थे. इसके बाद से ही इस वायरस के 6 और संक्रमणों की पुष्टी हुई थी, जिनमें से केवल एक फेयरबैंक्स क्षेत्र से बाहर का था. अलास्का पॉक्स के अधिकांश मामलों में मरीजों को केवल हल्का संक्रमण हुआ है, जिसके लिए उन्हें उपचार की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी.   


अलास्का पॉक्स के कारण हुई मृत्यु
अलास्का स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अलास्का पॉक्स के गंभीर लक्षणों से पीड़ित और अस्पताल में भर्ती होने वाला यह एकमात्र पहला मामला था. डॉक्टरों के मुताबिक कैंसर के इलाज के कारण बुजुर्ग व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर हो गई थी, जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई. व्यक्ति को पहली बार सितंबर 2023 में अपने आर्मपिट में एक लाल उभार ( Red Bump) दिखाई दिया था, जिसके बाद उसे एंटीबायोटिक दवाएं दी गई थीं, लेकिन थकान और बगल समेत कंधे में बढ़ते दर्द के कारण व्यक्ति के लक्षण बिगड़ गए. 


शरीर में उभरे घाव 
17 नवंबर को व्यक्ति को दोबारा अस्पताल में करवाया गया. यहां से उसे एंकोरेज के एक अस्पताल में ट्रांसफर किया गया. इस दौरान मरीज को गंभीर जलन और दर्द की शिकायत हुई. वहीं डॉक्टरों ने उसके शरीर में 4 स्मॉल पॉक्स जैसे घाव देखे, हालांकि व्यक्ति की हालत में सुधार होता दिख रहा था, लेकिन उसके घाव ठीक नहीं हुए. बाद में किडनी फेल होने से व्यक्ति की जनवरी 2024 मौत हो गई.  


अलास्का पॉक्स को लेकर जागरुक होना जरूरी है 
'न्यूयॉर्क पोस्ट' के मुताबिक अलास्कापॉक्स को लेकर एपिडेमियोलॉजिस्ट जूलिया रोजर्स ने कहा, 'लोगों को जरूरी नहीं कि इसके लिए चिंतित होना चाहिए बल्कि इसको लेकर ज्यादा जागरूक होना चाहिए. इसलिए हम डॉक्टरों को अलास्कापॉक्स वायरस के बारे में अधिक जागरूक बनाने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे इसके संकेतों और लक्षणों की पहचान कर सकें.' 


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