Amul Milk Price Hike: बजट के दो दिन बाद फिर मंहगा हुआ दूध, जानें क्यों लगातार बढ़ रहे हैं दाम
Amul Hike Milk Price: संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट 2023 पेश करने के दूसरे दिन ही आम आदमी की जेब पर गाज गिरी है. जहां एक ओर लोग बजट को समझने में ही जुटे हुए थे उसी बीच दूध के नये दामों ने लोगों को झटका दिया है.
Amul Milk Price Increase: संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट 2023 पेश करने के दूसरे दिन ही आम आदमी की जेब पर गाज गिरी है. जहां एक ओर लोग बजट को समझने में ही जुटे हुए थे उसी बीच दूध के नये दामों ने लोगों को झटका दिया है. अमूल ने एक बार फिर से दूध की कीमतें बढ़ा दी हैं और सभी प्रॉडक्ट्स पर 3 से 5 रुपये तक का इजाफा किया गया है. अमूल के अलावा पराग और मदर डेयरी ने भी अपने सब प्रोडक्ट्स में बढ़ोतरी की है.
अमूल ने बढ़ाये दूध के दाम
नये दामों के तहत अब अमूल का फुल क्रीम दूध 63 रुपए की जगह 66 रुपए प्रति लीटर, भैंस का दूध 65 रुपए की जगह 70 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है. अमूल ने सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि अपनी दही और अन्य सब-प्रोडक्ट्स के दाम भी बढ़ा दिये हैं. प्रोडक्ट्स पर बढ़ी हुई कीमतें 3 फरवरी से लागू हो गई हैं. उल्लेखनीय है कि अमूल से पहले पराग मिल्क फूड्स ने गाड के गोवर्धन ब्रांड के दाम बढ़ाये थे और 2 फरवरी से ही उसका दूध 2 रुपये महंगा हो गया था.
पराग और मदर-डेयरी ने भी बढ़ाये दाम
इसकी वजह से अब गोवर्धन गोल्ड दूध की कीमत 54 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 56 रुपये हो गया है. वहीं पराग मिल्क फूड्स के चेयरमैन देवेंद्र शाह ने कहा कि एनर्जी, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और पशु आहार की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से ये दाम बढ़ाये गये हैं.
8 साल में बढ़े थे 10 और अब 10 महीने में बढ़े 12
आपको बता दें कि पिछले 10 महीनों में दूध के दाम 12 रुपये तक बढ़ चुके हैं जो कि उसकी पिछली कीमत का 23 प्रतिशत हो गया है. इससे पहले दूध के दामों में इतनी बढ़ोतरी साल 2013 और 2014 में देखी गई थी जब दामों में बढ़ोतरी 8 रुपये तक हुई थी. खास बात यह है कि पिछले 8 साल में दूध के दाम 10 रुपये बढ़े थे जबकि पिछले 10 महीने में ये 12 रुपये महंगा हो गया है.
आखिर क्यों बढ़ रहे हैं दूध के दाम?
कीमत के आंकड़े देखने के बाद आप के मन में यह सवाल आ सकता है कि लगातार ऐसा होने के पीछे का क्या कारण है, तो हम आपको बता दें कि ऐसा दो वजहों से हो रहा है. साल 2022 में पशु आहार और पशु चारे की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, तो वहीं पर कोरोना काल में दूध न बिकने की वजह से जानवर पालने वालों ने अपने पशुओं की संख्या कम कर ली है. इसके अलावा देश के कई राज्यों में पशुओं के अंदर तेजी से फैल रही लंपी स्किन की बीमारी ने हजारों गायों को मौत के घाट उतारा है. इसके चलते दूध का उत्पादन गिर गया लेकिन जैसे ही लॉकडाउन के बाद चीजें सामान्य की ओर बढ़ने लगी वैसे ही दूध के सप्लाई की डिमांड बढ़ गई और यही वजह है कि पिछले 10 महीने में इसकी कीमतें पिछले 8 साल से ज्यादा बढ़ गई हैं.
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