नई दिल्ली: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला काफी बढ़ गया है. काम के लिए इसका इस्तेमाल काफी बढ़ चुका है, हालांकि कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अगर गलत हाथों में लगता है तो इसके गंभीर परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं.


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AI पर लगनी चाहिए सख्ती 
एक्सपर्ट्स ने टेक्नोलॉजी पर सख्त नियम लगाने की बात कही है. उनका मानना है कि गलत हाथों से इसका इस्तेमाल होने पर ये बायोलॉजिकल वेपन का उत्पादन कर सकता है, जिससे किसी दिन इंसान खत्म भी हो सकते हैं. 'द सन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक लंबे समय से दूनियाभर के नेताओं से AI के गलत इस्तेमाल को लेकर कड़े नियम लगाने की बात कर रहे हैं,हालांकि नई रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने तर्क दिया है कि 6 महीने पहले बैलेचले पार्क में आयोजित हुई AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन के बाद से इसमें प्रगति अपर्याप्त रही है.    


सरकार को लगाने चाहिए कड़े नियम 
रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि जैविक या परमाणु युद्ध जैसी चिंताजनक क्षमताओं के साथ डेवलेप हो रहे AI को रोकने की पूरी जिम्मेदारी सरकारों की है. इसको लेकर रिपोर्ट के को ऑथर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग साइंस डिपार्टमेंट में प्रोफेसर फिलिप टौर ने कहा,' पिछले AI शिखर सम्मेलन में इस बात पर सहमति हुई थी कि हमें इसके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत क्यों है, लेकिन अब इसपर काम करने की जरूरत है.' 


मानवता के लिए बन सकता है खतरा 
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हैकिंग, साइबर क्राइम और सामाजिक हेरफेर जैसे कई मामलों में AI इंसानों से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे निपटने और रोकने वाले नियमों की बेहद कमी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक AI उन तरह के खतरों को पैदा कर सकता है, जिसके बारे में इंसान सोच भी नहीं सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर AI को कंट्रोल नहीं किया गया तो इससे बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती है. यहां तक की इससे मानवता भी विलुप्त हो सकती है. 


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