नई दिल्ली: लंबे इलाज के दौरान महंगी दवाइयों के खर्च से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है. दरअसल लंबे इलाज के दौरान काम आने वाली महंगी दवाइयों की कीमतों पर कैप लगाने की तैयारी चल रही है. जिससे कि महंगी दवाओं की कीमतों में कमी आने की संभावना है. 


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स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा है तैयारी


महंगी दवाओं और अस्पताल के महंगे खर्चे से लोगों को राहत देने के लिए जल्द ही कुछ दवाओं पर ट्रेड मार्जिन कैप को लागू करने की तैयारी की जा रही है. ये ट्रेड मार्जिन कैप चरणबद्ध तरीके से लागू किया जएगा. बता दें कि दवाओं के मार्जिन पर चर्चा पूरी हो गई है और अब जल्द ही ट्रेड मार्जिन कैप को लागू करने की कवायद शुरू हो जाएगी. 


इस कदम से जो दवाएं लंबे समय के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, उनकी कीमत के मार्जिन पर कैप लगेगी, जिससे महंगी दवाएं और लंबे समय के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं सस्ती हो सकती हैं. 


बता दें कि दवाओं के ट्रेड मार्जिन कैपिंग को लेकर मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर ने दाम पर मार्जिन कैपिंग की सलाह दी है. ऐसा बताया जा रहा है कि पहले चरण में लगभग 150 फॉर्मूलेशन रखे जाएंगे और ट्रेड मार्जिन में 30-50 फीसदी तक रोक लगाने की सुझाव दिया गया है. इस सुझाव पर स्वास्थ्य मंत्रालय बेहद जल्द फैसला ले सकता है. 


इन दवाओं को किया जा सकता है शामिल


बता दें कि ट्रेड मार्जिन कैपिंग को लेकर दवाओं की लिस्टिंग किए जाने की भी तैयारी चल रही है. इसमें डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर और कैंसर की दवाएं शामिल हैं. इसके अलावा रेमिडिसेविर जैसी दवा भी शामिल होगी. कुछ पेटेन्ट वाली दवा को भी इसके दायरे में रखा गया है. नेशनल फार्मास्यूटिकल (NPPA), सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड, कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO), एम्स और  डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने इन दवाओं की लिस्ट को तैयार किया है. 


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