नई दिल्लीः राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की सात सदस्यीय कमेटी ने सामाजिक विज्ञान की किताबों में रामायण और महाभारत के चैप्टर जोड़ने का प्रस्ताव रखा है. इस समिति के अध्यक्ष सी आई इसाक ने क्लास की दीवारों पर संविधान की प्रस्तावना को स्थानीय भाषा में अंकित करने की भी सिफारिश की है. 


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NCERT की ओर से नहीं आया फैसला
हालांकि, अभी तक एनसीईआरटी की ओर से इन सिफारिशों पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है. सामाजिक विज्ञान की किताबों में रामायण और महाभारत के चैप्टर को जोड़ने की सिफारिश करते हुए समिति के अध्यक्ष सी आई इसाक का कहना है कि छात्र किशोरावस्था में अपने आत्मसम्मान, देशभक्ति और अपने राष्ट्र के लिए गौरव का निर्माण करते हैं. 


'विदेशों की नागरिकता चाहते हैं छात्र'
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो उन्होंने आगे कहा, 'हर साल हजारों की संख्या में छात्र अपने देश को छोड़कर दूसरे देशों में नागरिकता पाना चाहते हैं क्योंकि उनमें देशभक्ति की कमी है. उनके लिए अपनी जड़ों को समझना और अपने देश तथा अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम विकसित करना महत्वपूर्ण है. कुछ बोर्ड पहले से ही रामायण और महाभारत पढ़ाते हैं लेकिन इसे और अधिक विस्तृत तरीके से किया जाना चाहिए.' 


इंडिया के बदले भारत करने की सिफारिश
बता दें कि पूर्व में इसी समिति ने पाठ्य पुस्तकों में देश का नाम इंडिया के स्थान पर भारत करने, पाठ्यक्रम में प्राचीन इतिहास के बजाय क्लासिकल हिस्ट्री को शामिल करने और कक्षा तीन से कक्षा 12 तक की पाठ्यपुस्तकों में हिंदुओं की जीतों को रेखांकित करने की भी सिफारिश की थी.


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