Cotton King of India: आजादी से पहले के भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन, छोटी उम्र में माता-पिता को खोने के बाद शुरू किया था ये काम
Cotton King of India Govindram Seksaria: 1900 की शुरुआत में, सेकसरिया मुंबई आए. चूंकि भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, इसलिए देश के सभी प्रमुख व्यवसायों का स्वामित्व या प्रबंधन अंग्रेजों के पास था. उन परिस्थितियों में भारतीय कंपनियों और व्यापारियों के लिए काम करना बहुत कठिन था. गोविंदराम सेकसरिया ने सबसे पहले बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज में ऑपरेटर के रूप में काम किया और जल्द ही कॉटन कॉन्ट्रैक्ट बोर्ड के सदस्य बन गए.
Cotton King of India Govindram Seksaria: 19 अक्टूबर, 1888 को जन्मे गोविंदराम सेकसरिया स्वतंत्रता-पूर्व भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोविंदराम सेकसरिया, जिन्हें भारत के कॉटन किंग के नाम से भी जाना जाता था, वे अपने समय के सबसे बड़े बिजनेसमैन थे. सेकसरिया का जन्म राजस्थान के नवलगढ़ में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उन्होंने 16 साल की उम्र में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था. अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद, सेकसरिया ने अपनी पत्नी, भाइयों भोलाराम, रामनाथ, माखनलाल और दो बहनों की जिम्मेदारी उठाई.
1900 की शुरुआत में, सेकसरिया मुंबई आए. चूंकि भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, इसलिए देश के सभी प्रमुख व्यवसायों का स्वामित्व या प्रबंधन अंग्रेजों के पास था. उन परिस्थितियों में भारतीय कंपनियों और व्यापारियों के लिए काम करना बहुत कठिन था. गोविंदराम सेकसरिया ने सबसे पहले बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज में ऑपरेटर के रूप में काम किया और जल्द ही कॉटन कॉन्ट्रैक्ट बोर्ड के सदस्य बन गए. बाद में वह ईस्ट इंडिया कॉटन एसोसिएशन के सदस्य बन गए और कपास बाजार में एक बेहद लोकप्रिय नाम बन गए.
कपास बाजार में स्वाद चखने के बाद, सेकसरिया ने अपने क्षितिज का विस्तार किया और सराफा और अन्य कमोडिटी बाजारों में एंट्री मारी. वह भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे.
भारत के बाहर बढ़ाया बिजनेस
1934 में, सेकसरिया ने भारत के बाहर अपना व्यवसाय बढ़ाने का फैसला किया और न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज के सदस्य बन गए. वह लिवरपूल कॉटन एक्सचेंज के भी सदस्य थे. सेकसरिया ने 1937 में गोविंदराम ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. फिर उनका नाम बड़े उद्योगपतियों में आने लगा.
उन्होंने वनस्पति तेल का व्यवसाय शुरू किया और फिर चीनी, कपड़ा, खनिज, खनन, बैंकिंग, प्रिंटिंग और मोशन पिक्चर का बिजनेस शुरू किया. 1946 में गोविंदराम सेकसरिया की मृत्यु हो गई. सेसकरिया परोपकारी आदमी भी थे और उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना की थी.
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