नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद नौ नवंबर से प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोलने का फैसला किया है, वहीं उसके 50 प्रतिशत कर्मियों के घर से काम करने के आदेश को भी वापस लिया जा रहा है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह भी कहा कि क्रमिक कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल चार-पहिया वाहनों के चलने पर रोक जारी रहेगी. 


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वर्क फ्रॉम होम के आदेश को लेकर क्या बोले दिल्ली सरकार के मंत्री?


पर्यावरण मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है और पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी आई है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए जीआरएपी के चरण-4 के तहत लागू पाबंदियां हटाने का फैसला किया गया है.’’ 


राय ने कहा, ‘‘प्राथमिक विद्यालय नौ नवंबर से फिर से खुलेंगे और 50 प्रतिशत सरकारी कर्मियों के घर से काम करने के आदेश को भी वापस लिया जा रहा है.’’ पिछले दो दिन में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण में सुधार के बाद केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने रविवार को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि गैर-बीएस छह डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों और ट्रकों के राजधानी में प्रवेश करने पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाया जाए. 


दिल्ली में अभी जारी रहेंगी ये पाबंदियां


जीआरएपी के अंतिम चरण के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया था. आयोग ने दिल्ली में राजमार्गों, फ्लाईओवर और पाइपलाइन जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी थी जिसे हटा लिया गया है. राय के मुताबिक, निजी निर्माण कार्यों पर पाबंदी जारी रहेगी. आयोग ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में पाबंदियों की सिफारिश की थी. दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद शुक्रवार को अतिरिक्त उपायों की घोषणा की थी जिनमें शनिवार से प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और उसके 50 प्रतिशत कर्मियों के घर से काम करने का आदेश शामिल था. 


जानें दिल्ली में या है अभी प्रदूषण का स्तर?


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रविवार को दिल्ली में चौबीस घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 339 रहा, जो एक दिन पहले 381 था. यह शुक्रवार को 447 था. तेज हवा चलने और पराली जलाने की घटनाओं में कमी की वजह से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रविवार को कहा था कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) या आईआईटीएम के पूर्वानुमान में वायु गुणवत्ता की स्थिति में तेजी से गिरावट का संकेत नहीं है. 


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