साल 2024 में डायबिटीज के मरीज न खाएं ये 5 चीजें, नहीं तो तेजी से बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल
भारत में कुछ सालों से डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में मधुमेह रोगियों की संख्या 10 करोड़ से अधिक हो गई है. Dr Anurag Prasad से जानते हैं डायबिटीज की बीमारी को कैसे कंट्रोल करें.
नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में भारत ने एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती का सामना किया है, जिसे हम डायबिटीज या मधुमेह के नाम से जानते हैं, जिसने भारत को दुनिया में मधुमेह कि राजधानी के रूप में एक नई पहचान दी है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में मधुमेह रोगियों की संख्या 10 करोड़ से अधिक हो गई है, जो ब्रिटेन की आबादी को भी पार कर गई है.
परेशान करने वाली बात यह है कि युवा आबादी के बीच मधुमेह का प्रसार 10% से ऊपर बढ़ गया है, जो भारत कि सार्वजनिक स्वास्थ्य स्थिति के लिए खतरे कि घंटी है. डायबिटीज में क्या नहीं खाना चाहिए इस विषय पर हमारे साथ Dr Anurag Prasad ने जानकारी शेयर की है. आपको बता दें कि ये प्रोफेसर हैं और शारदा हॉस्पिटल में काम करते हैं. आइए जानते हैं डायबिटीज की बीमारी को कैसे कंट्रोल करें.
भारत में मधुमेह कि वर्तमान स्थिति
भारत में मधुमेह का सबसे ज्यादा असर शहरी क्षेत्रों में दिखाई देता है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में मधुमेह के मामले लगभग दोगुने है. कुछ आंकड़े बताते हैं कि पिछले चार वर्षों में मधुमेह रोगियों की संख्या में 44% की वृद्धि हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो 2030 तक भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या13 करोड़ तक पहुंच सकती है.
मधुमेह रोग सिर्फ एक साधारण समस्या नही है; यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्यावों का कारण है, जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताया गया है. यह अंधापन, किडनी का काम न करना , दिल के दौरे और स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है.
खान-पान
मधुमेह के रोगियों को इन प्रमुख 5 खाद्य पदार्थों से दूरी बना कर रखनी चाहिये . मधुमेह के खिलाफ लड़ाई में, जीवन शैली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. रोगियों के लिए जरूरी हे कि वो अपने खान-पान का ध्यान रखें.
शुगर
पेस्ट्री, मिठाई, केक, कुकीज़ और चॉकलेट जैसे शुगर वाले खाद्य पदार्थ से मधुमेह के रोगियों को सेवन नहीं करना चाहिये; इन खाद्य पदार्थों के कारण रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है.
हानिकारक प्रभाव
अत्यधिक चीनी की खपत मधुमेह रोगियों के लिए कई प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों से निकटता से जुड़ी हुई है, जिसमें मोटापा, उच्च रक्तचाप, सूजन में वृद्धि और शरीर में फैट का बढ़ना शामिल है.
तला हुआ खाना
बहार का तला हुआ खाना, अक्सर सुविधाजनक है, लेकिन मधुमेह रोगियों के लिए यह बेहद नुकसान दायक है, खून में शुगर के स्तर को काफी प्रभावित कर सकते हैं और हृदय और स्वास्थ्य के लिए दुगना खतरा पैदा कर सकते हैं.
हानिकारक प्रभाव
बहार का तला हुआ खाना, हृदय से संबंधित परेशानियों के जोखिम को बढ़ा सकता है, मधुमेह से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य समस्यावों को और मुश्किल बना सकता है.
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त सोडियम और खाने को खराब न होने वाले केमिकल का उपयोग मधुमेह रोगियों के लिए जोखिम पैदा करता है. कैन की परत में बीपीए जैसे रसायन नकारात्मक दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं, जिससे हृदय संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है और सामान्य शारीरिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं.
चीनी युक्त अनाज
साफ अनाज और अतिरिक्त चीनी से भरपूर अत्यधिक तला हुआ अनाज हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह सहित पुरानी स्वास्थ्य परेशानियों को बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं. भीगे हुए दलिया जैसे विकल्पों को चुनना मधुमेह रोगियों के लिए एक स्वस्थ नाश्ता का अच्छा विकल्प हो सकता है.
फल
जबकि फलों को आम तौर पर स्वस्थ माना जाता है, लेकिन उच्च शुगर से युक्त कुछ फल, जैसे अंजीर, अंगूर, आम, चेरी और केले का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए. इनके बजाय, मधुमेह के रोगी को जामुन, नाशपाती, मौसमी, आड़ू और सेब जैसे फलों का सेवन कर सकते है, जिनमें चीनी की मात्रा कम होती है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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