नई दिल्लीः Electric Vehicle Policy in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ परिवहन संसाधनों को तेजी से प्रसार और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए एक अनुकूल पारिस्थतिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति- 2022 घोषित की है. 


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राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी. इसके तहत कई सहूलियतों के साथ ही वाहनों की खरीद पर भारी सब्सिडी भी दी जाएगी. 


राज्य में पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली पैदा करना है उद्देश्य
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य में एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली का निर्माण करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी एवं संबंधित उपकरणों के विनिर्माण के लिए प्रदेश को एक वैश्विक केंद्र बनाना भी है.’ वर्ष 2070 तक भारत को शुद्ध- शून्य उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ नीति का उद्देश्य राज्य की क्षमता और अवसरों का लाभ उठाकर 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा को पूरा करना है. 


बयान में कहा गया है कि नीति का लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करना और 10 लाख से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन करना है. 


उपभोक्ताओं को दिया जाएगा प्रोत्साहन
बयान के मुताबिक, इस दिशा में नीति में त्रिआयामी आकर्षक प्रोत्साहन व्यवस्था प्रदान की गई है. इसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा ईवी, बैटरी और संबंधित कलपुर्जों के विनिर्माताओं तथा चार्जिंग/बैटरी अदला-बदली (स्वैपिंग) सुविधाएं विकसित करने वाले सेवाप्रदाताओं के लिए भी प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है. 


भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार में से एक है यूपी
बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार में से है. अतः राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के विकास को नीति के तहत खरीदारों को आकर्षक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश में खरीदे व पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान पथकर व पंजीकरण शुल्क में शत-प्रतिशत छूट शामिल है. 


इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15% की सब्सिडी
बयान के मुताबिक, इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त नीति में ईवी बैटरी एवं ईवी विनिर्माण में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करने को प्रावधान किए गए हैं. 


सेवा प्रदाताओं को भी दी जाएगी सब्सिडी
नीति के अंतर्गत पूरे राज्य में चार्जिंग एवं बैटरी अदला-बदली सुविधाओं को विकसित करने वाले सेवा प्रदाताओं को अधिकतम 2,000 ऐसे चार्जिंग स्टेशनों की सीमा के अधीन प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख रुपये तक तथा अधिकतम 1,000 ऐसे अदला-बदली स्टेशनों की सीमा के अधीन अधिकतम पांच लाख रुपये प्रति स्टेशन तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. 


साथ इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में सरकारी संगठनों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या निजी कंपनियों द्वारा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए अधिकतम पांच ऐसी परियोजनाओं को 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रति परियोजना अधिकतम 10 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.


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