कोलकाता: बिजली शुल्क में वृद्धि की आशंका बढ़ गई है. इसका कारण आयातित कोयला है. केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने को कहा कि ब्लैकआउट से बचने के लिए बिजली संयंत्रों से कहा गया है कि वे 10 फीसदी आयातित कोयले का मिश्रण करें. 


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क्या है कारण
सिंह ने कहा कि बिजली की कमी से बचने के लिए ऐसा करना होगा क्योंकि घरेलू कोयले की आपूर्ति बिजली कंपनियों की मांग को पूरा नहीं कर पा रही हैं. बिजली मंत्री ने कहा कि ऊर्जा की खपत में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पिछले एक साल में अधिकतम मांग में भी 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 


इतने बढ़ेंगे बिजली के दाम
उन्होंने कहा, “ हमने बिजली संयंत्रों को ब्लैकआउट से बचने के लिए 10 प्रतिशत आयातित कोयले को मिश्रित करने के लिए कहा है क्योंकि घरेलू कोयला उत्पादन पर्याप्त नहीं है.” सिंह ने कहा, “ आयातित कोयले की कीमत 17,000-18,000 रुपये प्रति टन है जबकि घरेलू कोयले की कीमत करीब 2,000 रुपये प्रति टन है. इसके कारण, बिजली शुल्क में लगभग 60-70 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि होगी.” 

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