नई दिल्लीः EPFO: पीएफ अंशधारकों के लिए जरूरी खबर है. केंद्र सरकार 1 अप्रैल यानी आज से प्रोविडेंट फंड के नियमों में बदलाव करने जा रही है. अब पीएफ में एक सीमा से अधिक जमा राशि पर टैक्स लगेगा. नए नियमों के अनुसार, एक वित्त वर्ष में 2.50 लाख रुपये से अधिक जमा होने पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा.


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कर्मचारी की जमा राशि पर ही लगेगा टैक्स
यहां पर एक जरूरी बात यह है कि यह नियम सिर्फ पीएफ में जमा होने वाले कर्मचारी के अमाउंट के लिए है. आपके पीएफ में कंपनी की तरफ से जमा किए जाने वाले अमाउंट पर यह नियम लागू नहीं होगा.


यानी यदि निजी क्षेत्र में काम करने वाले किसी कर्मचारी का पीएफ अकाउंट में एक वित्त वर्ष में 5 लाख रुपये का योगदान होता है तो इसमें से सिर्फ 2.5 लाख रुपये की रकम पर ही टैक्स लगेगा. बाकी 2.5 लाख रुपये टैक्स के दायरे में नहीं आएगा.


ज्यादातर लोगों पर नहीं पड़ेगा टैक्स
विशेषज्ञ का कहना है कि नए नियम का असर ईपीएफ के ज्यादातर सदस्यों पर नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह नियम सालाना 20.83 लाख या या इससे ज्यादा आय वाले लोगों पर ही लागू होगा. ईपीएफ के लगभग 6 करोड़ सब्सक्राइबर हैं. इनमें से ज्यादातर की सैलरी इस सीमा से कम है. सरकारी कर्मचारियों के मामले में पीएफ में सालाना 5 लाख रुपये के योगदान पर टैक्स लगेगा.


बता दें कि ईपीएफ में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा जमा होता है. वहीं, जितना पैसा कर्मचारी देता है उतना ही पैसा कंपनी भी कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है. इस जमा रकम पर सरकार ब्याज देती है.


40 साल में सबसे कम है ब्याज दरें
याद रहे कि पिछले दिनों सरकार ने पीएफ की ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया था. पीएफ ब्याज दरों में 0.40 फीसदी की कटौती की गई थी. अभी पिछले करीब 40 वर्षों की सबसे कम ब्याज दर है. 1977-78 में ईपीएफओ ने 8 फीसदी का ब्याज दिया था.


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