नई दिल्ली. मौजूदा दौर में भले ही मोबाइल, ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से लोगों के बीच पैसों का लेनदेन बढ़ा हो, लेकिन आज भी ज्यादातर आम भारतीय कैश या नगद लेन देन पर ही भरोसा करते है. 


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हालांकि अपनी डेली जरूरतों, खरीददारी या कारोबार के लिए नगद पर निर्भर लोगों को सावधान रहने की भी जरूरत है. दरअसल देश में नकली नोटों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इससे संबंधित एक रिपोर्ट भी जारी की है. 


क्या है आरबीआई की रिपोर्ट


आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-2022 में नकली नोटों पर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में नकली नोटों की संख्या में 101.9  फीसदी का इजाफा हुआ है.  इनमें करीब 54 फीसदी हिस्सा 2000 रुपये के नोटों का है वहीं 500 रुपये के दोगुने से भी ज्यादा नकली नोट बाजार में सर्कुलेट हो रहे हैं. 


मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि, 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों की बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है.  बाजार में इन दोनो नोटों की 87.1 फीसदी हिस्सेदारी है. साल 2021 में तक 500 और 2000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी मार्केट में 85.7 फीसदी की थी.


इस साल तेजी से बढ़े जाली नोट


बता दें कि पिछले साल के मुकाबले इस साल नकली नोटों की तादाद बढ़ी है. इनमें छोटे से लेकर बड़े नोट तक शामिल हैं. इनमें 10 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 16.4 फीसदी, 20 रुपये के नकली नोटों की तादाद में 16.5 फीसदी, 200 रुपये के नकली नोटों की तादाद में 11.7 फीसदी, 500 रुपये के नकली नोटों की तादाद में 101.9 फीसदी और 2000 रुपये के नकली नोटों की तादाद में 54.6 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. वहीं 50 रुपये के नकली नोटों में करीब 28.7 फीसदी और 100 रुपये के नकली नोटों में 16.70 फीसदी की कमी देखने को मिली है. 


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