नई दिल्ली. कोरोना को चाहिए वैक्सीन, कोरोना को चाहिए मेडिसिन और जब तक कोरोना से जंग में ये दोनों दिव्यास्त्र उपलब्ध न हों, हमें पारम्परिक अस्त्रों का प्रयोग करके इस रोग का सामना करना होगा. योगासन, प्राणायाम, चाय-काढ़ा, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के अतिरिक्त एक और अहम सावधानी का इस्तेमाल करना है हमें कोरोना को घर के बाहर रखने के लिए और वो है कोरोना स्नान.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


क्या है कोरोना-स्नान 


कोरोना से बचाव के लिए किया जाने वाला स्नान ही कोरोना-स्नान है. चिंता न करें, कोई विशेष प्रक्रिया नहीं है यह, इसमें आपको कोई विशेष उपक्रम नहीं करना होगा, नित्य की भांति स्नान करना होगा किन्तु सावधानी के साथ करना होगा. कोरोना के प्रति सावधानी वाला यह स्नान ही कोरोना-स्नान है. 


ऐसे करें कोरोना स्नान 


बाहर से सीधे बाथरूम में आएं. गेट पर जूते/चप्पल उतार दें. घर के अंदर ही गेट पर घर के पहनने वाले चप्पल अवश्य रखें और इनको पहन कर ही बाथरूम में आएं. अपने कपड़े के मास्क और अपने कपड़ों को साबुन के झाग में डालें और फिर स्नान करें. कोई भी स्नान का साबुन इस्तेमाल करें और सर से पाँव तक साबुन अवश्य लगाएं. हल्की सी शरीर की मालिश करें जिसमें आधे मिनट से एक मिनट का कम से कम समय अवश्य लगाएं. इसमें दो लाभ होंगे - कोरोना का वायरस आपके बालों में या शरीर में कहीं भी चिपका होगा वो यमपुरी पहुँच जाएगा और इसी बहाने शरीर की वर्जिश भी हो जायेगी. इसके बाद पानी व्यर्थ नष्ट न करते हुए आराम से स्नान करें. यही है कोरोना स्नान.    


दिन में हर बार करें स्नान


जरूरी काम न हो तो आपकी समझदारी से यही अपेक्षा है कि न आप घर से बाहर जाएंगे न अपने परिवारजनों को जाने देंगे. लेकिन जितनी बार आप जरूरी काम से बाहर जाना पड़े, वापस आ कर हर बार करना होगा आपको कोरोना स्नान. इसकी वजह को याद रखने के लिए ये सूत्र-वाक्य याद रखें - सावधानी हटी दुर्घटना घटी!   


ये भी पढ़ें. कोरोना में नहीं का मतलब नहीं !!