नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है. 4 महीने पहले दुनिया में दस्तक देने वाले कोरोना वायरस ने अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों को मौत दे दी है और लाखों लोगों इस रहस्यमयी वारयस से संक्रमित हैं.


कोरोना ने किया महाशक्तियों को परास्त


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस कातिल कोरोना वायरस का कोई तोड़ मिल नहीं रहा है. करीब 50 देशों के वैज्ञानिक कोरोना के कोड को डिकोड करने में लगे हैं लेकिन इस लाइलाज बीमारी के आगे दुनिया की महाशक्ति माने जाने वाले देश भी घुटने टेक चुके हैं. अमेरिका और चीन जैसे देश जो कि विज्ञान और तकनीक में सबसे आगे हैं वो भी कोरोना वायरस के आगे बेबस हैं. ऐसे में इस वायरस को मात देना बेहद मुश्किल चुनौती बन गई है.


इजरायल ने दिखाई दुनिया को रोशनी


इस घोर निराशा के माहौल में इजरायल के वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया को आशा की नई रोशनी दिखाई है. इजरायल के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए एक वैक्सीन विकसित कर ली है. वहां के वैज्ञानिकों ने अगले 90 दिनों में इस वैक्सीन को पूरी तरह से तैयार करने का दावा किया है.



इजरायल देगा दुनिया को तोहफा


इजरायली वैज्ञानिकों का दावा है कि जून तक इंसानों पर उनके वैक्सीन का ट्रायल शुरु हो जाएगा और अगर ये ट्रायल सफल रहा तो जल्दी ही ये वैक्सीन बाजार में उतर सकती है.



भारत-इजरायल की दोस्ती से हारेगा कोरोना वायरस


अब आपको बताते हैं कि इस ट्रायल पर भारत की नजर क्यों लगी हुई है. दरअसल, भारत और इजरायल की गाढ़ी दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है. दोनों देश विज्ञान और तकनीक के मुद्दों पर आपस में साझेदार हैं. ऐसे में जब इजरायल में कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनेगी तो उसकी तकनीक जल्द ही भारत को भी मिल सकेगी.


भारत-इजरायल की साझेदारी पड़ेगी कोरोना पर भारी


ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं कि क्योंकि हाल के दिनों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए जब इजरायल को मदद की जरूरत पड़ी तो भारत ने तुरंत इजरायल को मदद भेजी. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की दवा भेजने का अनुरोध किया तो भारत ने इजरायल को तत्काल उन दवाओं की खेप भेज दी. दवाओं के मिलने पर इजरायल के पीएम ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया.


इसे भी पढ़ें: WHO के चीफ डॉ. टेड्रोस ऐडनम की लगातार बढ़ रही हैं मुश्किलें...


उम्मीद की जा रही है कि जून तक इस वैक्सीन का ट्रायल इंसानों पर किया जाने लगेगा. अगर ये ट्रायल सफल हो गया तो जल्दी ही इस वैक्सीन को बाजारों में उतार दिया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो भारत को भी उसका पूरा फायदा मिलेगा क्योंकि भारत और इजरायल के बीच गहरी दोस्ती है. इजरायल जैसे ही कोरोना वायरस को खत्म करने की तकनीक उन्नत कर लेगा उसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिलेगा.


इसे भी पढ़ें: कोटा जिलाधिकारी की भारी 'लापरवाही'! लॉकडाउन के बीच 4650 छात्रों को भेजा बिहार



इसे भी पढ़ें: कोरोना ने अमेरिका को 100 साल पुरानी त्रासदी याद दिलाई