कोरोना ने अमेरिका को 100 साल पुरानी त्रासदी याद दिलाई

अमेरिका में कोरोना गंभीर रुप लेता जा रहा है. वहां मरने वालों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है. इन हालातों में अमेरिका को अपना 100 साल पुराना इतिहास याद आ रहा है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 14, 2020, 12:00 AM IST
    • कोरोना वायरस का अमेरिका में बढ़ रहा है कहर
    • 100 साल पहले भी अमेरिका में फैला था स्पैनिश फ्लू
    • लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नहीं लिया सबक
    • अमेरिका में लाशों का लग गया है अंबार
    • कब्रगाहें पड़ रही हैं कम
कोरोना ने अमेरिका को 100 साल पुरानी त्रासदी याद दिलाई

नई दिल्ली: पिछले महीने जब अमेरिका प्रशासन ने अंदेशा जताया था कि कोरोना से मौतों का आंकड़ा एक लाख के पार जा सकता है. तब लोगों को इस पर यकीन नहीं हो रहा था कि जिस वायरस की चपेट में चंद हजार लोग ही आए हैं. उससे एक लाख से ज्यादा मौतों का अंदेशा जताया जा रहा है. लेकिन ये चेतावनी सही साबित हुई. 100 साल पहले भी अमेरिका में ऐसा ही वाकया हुआ था. 

साल 1918 में फैला था स्पेनिश फ्लू
अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर वहां के लोगों को सौ साल पुराने खौफनाक मंजर को याद करने के लिये मजबूर कर रहा है. साल 1918 में जानलेवा स्पेनिश फ्लू ने अमेरिका को अपनी चपेट में लिया था. तब एक ही महीने में यानी अक्टूबर 1918 में अमेरिका में करीब दो लाख लोग स्पेनिश फ्लू से मारे गए थे. 

आज की ही तरह अमेरिका में हर तरफ दिख रही थी कब्रें
साल 1918 में अमेरिका में जिस तरह हर तरफ कब्रगाह ही कब्रगाह नजर आ रही थी. कोरोना का वही भयावह नजारा को अमेरिका को दोबारा दिखा रहा है. जो कि दुनिया के सुपर पावर को डरा रहा है. 


महीने भर के अंदर अमेरिका में कोरोना से मौतों का आंकड़ा बाइस हजार के पार पहुंच चुका है. इसमें 2018 मौतें तो अकेले 11 अप्रैल को हुईं. जो दुनिया में कोरोना से एक दिन में हुई सबसे ज्यादा मौतों का नया रिकॉर्ड है.

 

अभी और बढ़ेगा अमेरिका में कोरोना का कहर
कोरोना से मौतों का ये सिलसिला फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. अमेरिका की सांस इसलिये भी फूल रही है कि कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या तेजी से पौने छह लाख की ओर बढ़ रही है. 

कोरोना से बुरी तरह घबराए अमेरिकी नागरिक से लेकर विपक्ष तक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर उंगलियां उठा रहे हैं. ट्रंप को उन्हीं के पुराने बयानों की याद दिलाई जा रही है कि कैसे वो कोरोना को हल्के में लेते रहे. अमेरिका की तैयारियों को लेकर झूठ पर झूठ बोलते रहे. लेकिन अब जब हालात बिगड़ गए हैं तो कि किसी को कुछ सूझ नहीं रहा है. 

गलती मानने के लिए तैयार नहीं ट्रंप
कोरोना को लेकर ट्रंप की लापरवाहियां दुनिया के सामने है. लेकिन ट्रंप इसे कबूलने को तैयार नहीं हैं. ट्रंप ने अपनी गलतियों का ठीकरा डॉक्टर एंथनी फॉकी पर फोड़ दिया है. जो उन्हें कोरोना के खतरे को लेकर लगातार आगाह कर रहे थे. 

कोरोना से लड़ाई के मोर्चे पर ट्रंप प्रशासन बुरी तरह फंसा दिख रहा है. अमेरिकी नागरिक हिन्दुस्तान की मोदी सरकार की मिसाल दे रहे हैं. उनका कहना है कि अगर ट्रंप प्रशासन ने भी भारत की तरह तेजी दिखाई होती, तो अमेरिका इतने बुरे दौर से नहीं गुजरता है. हालांकि ट्रंप प्रशासन को इस उदाहरण पर भी मिर्ची लगनी शुरू हो गई है.

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