नई दिल्ली: सरकार ने इस साल से ‘कैशलेस हज’ पर जोर देने का फैसला किया है और इसी प्रयास के तहत हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा के उपयोग के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एक कार्ड मुहैया कराया जाएगा. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.


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हज यात्रियों को सरकार देगी ये सुविधाएं
पहले की व्यवस्था के तहत हज यात्रियों को 2100 सऊदी रियाल (करीब 45 हजार रुपये) भारतीय हज समिति के पास जमा कराने होते थे जो उन्हें सऊदी अरब के मक्का और मदीना में खर्च करने के लिए उपलब्ध कराए जाते थे. मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, 'अब हज यात्रियों को यह राशि हज समिति के पास जमा कराने की कोई जरूरत नहीं होगी. एसबीआई के माध्यम वे सीधे इस पैसे का उपयोग कर सकते हैं. उन्हें एक ‘फॉरेक्स कार्ड’ भी दिया जाएगा. ऐसे में उन्हें नकदी ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब वे अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा खर्च कर सकते हैं.'


उन्होंने कहा, 'डिजिटल भारत में ‘कैशलेस हज’ पर जोर है. हमारी कोशिश है कि हज यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले और उनका खर्च भी कम हो.'


प्राथमिकता के आधार पर दी गई स्वीकृति
मंत्रालय के अनुसार, इस साल हज के लिए 1.84 लाख आवेदन आए हैं जिनमें से 70 वर्ष से अधिक उम्र के 10,621 लोगों और बिना ‘मेहरम’ (नजदीकी पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाली 4,314 महिलाओं के आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति दी गई.


मंत्रालय का कहना है कि 1.4 लाख लोगों का चयन हजयात्रा के लिए हुआ है उनको एसएमएस के माध्यम से सूचित कर दिया गया है तथा प्रतीक्षा सूची में जिनके नाम शामिल हैं उनको भी एसएमएस के जरिये जानकारी दी गई है. भारत से इस साल 1,75,025 लोग हज पर जाएंगे.
(इनपुट- भाषा)


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