Heatwave warning: भीषण गर्मी ने बढ़ाया हीटवेव का खतरा, सावधानी ना बरतने पर हो सकती है मौत
Heatwave warning: भीषण गर्मी देश के कई राज्यों के लिए परेशानी का कारण बन रही है. वहीं, इसके चलते हीटवेव जैसी परेशानी भी लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है.
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सो में इस साल गर्मी ने जल्द ही दस्तक दे दी है. एक ओर कंपकपाती ठंड के बीच भले ही ये सुकून की बात हो, लेकिन पर्यावरण के लिए ये एक खतरे की घंटी साबित हो रही है. मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक बिन मौसम भीषण गर्मी हीटस्ट्रोक का खतरा बन रही है, जिसको लेकर IMD की ओर से 31 मई तक हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है.
उत्तर भारत के इन इलाको में बढ़ेगी गर्मी
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पूर्व,पूर्वी मध्य और उत्तर-पश्चिम के ज्यादातर इलाको में चिलचिलाती गर्मी हो सकती है. जिसके चलते कई इलाकों पर सामान्य से ज्यादा तापमान बढ़ने की आशंका है. यहां तक की कई इलाको में भीषण गर्मी की मार से हीटवेव बढ़ने का खतरा भी हो सकता है. हालांकि इसमें पूर्वोत्तर के राज्यों को थोड़ी राहत मिल सकती है. जिनमें जम्मू कशमीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केरल और कर्नाटक के समुद्री इलाके शामिल है.
बढ़ते तापमान को लेकर जारी हुई एडवाइजरी
देश में बढ़ते तापमान के खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. जिसमें हीटवेव से बचने के लिए क्या करें और क्या ना करें ये बताया गया है. बता दें कि यह एडवाइजरी मौसम विभाग की ओर से 2023 में हीटवेव के अलर्ट के बाद जारी की गई है. जिसमें मंत्रालय ने लोगो को भीषण गर्मी के दौरान हाई प्रोटीन भोजन ना पकाने और खाने की सलाह दी है. इसके साथ ही मंत्रालय की ओर से तेज गर्मी के दौरान खासतौर पर दिन के 12 बजे से 3 बजे तक बाहर ना निकलने की भी सलाह दी है.
क्या होता है हीटवेव?
IMD के अनुसार जब किसी जगह का तापमान मैदानी इलाके में 40 डिग्री सेल्सियस, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस और तटीय क्षेत्रियों में 37 डिग्री सेल्सियस पार कर जाता है तो वह हीटवेव होता है. यानि की किसी भी क्षेत्र के तापमान का उससे 6.4 डीग्री बढ़ जाने को हीटवेव कहते है. इसके अलावा जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर जाता है तब भी यह गंभीर हीटवेव की श्रेणी में आता है. हीटवेव के बढ़ने से वेट बल्ब टेम्परेचर में भी बदलाव आता है. जिससे कई तरह की गंभीर समस्याएं बढ़ती है.
क्या है वेट बल्ब टेम्परेचर
वेट बल्रब टेम्परेचर एक अधिकतम तापमान और नमी के स्तर को मिलाकर बनता है जिसमें गर्मी और नमी दोनो ही बराबर मात्रा में होते हैं. इस टेम्परेचर के 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शरीर इसे सहन नहीं कर पाता और स्ट्रोक का खतरा होता है. ये ज्यादातर उमस भरी गर्मी के कारण बढ़ता है. वेट बल्रब टेम्परेचर अगर 30 डिग्री से ज्यादा हो तो बाहर निकलने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे शरीर में पसीना बनना बंद हो जाता है, जिस कारण स्किन इंफेक्शन समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. बता दें कि एसी हालत में शरीर के अंदर मौजूद नमी पसीने को भाप बनाने से रोकती है. जानकारी के मुताबिक भारत के कई इलाकों में गर्मी बढ़ने से वेट बल्ब टेम्परेचर का उस स्तर तक पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है. अगर आने वाले दिनो में ये हालत बढ़ती रही तो इंसानी शरीर इसे सहन नहीं कर पाएगा जिससे मौत भी हो सकती है.
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