नई दिल्लीः रसोई की बहु उपयोगी चीजों में कुछ मसाले, कई तरह के ड्राई फ्रूट्स और कुछ दैनिक आहार की फूड सामग्री हैं, जो सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारियों से राहत देते हैं. इसके अलावा, इनसे असाध्य रोगों जैसे कुछ ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि को संतुलित किया जा सकता है.


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हल्दी, अदरक, मेथी, दालचीनी, लौंग, काली मिर्च और जीरा आदि मसाले हर किचन में उपलब्ध होते हैं. इन मसालों का आयुर्वेद के अनुसार सेवन हमें कई प्रकार के संक्रमण से बचाए रखने में मदद करता है और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को भी हेल्दी रखता है.


लौंग से दूर होती है पेट खराब की समस्या


इसमें भी बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो अच्छी इम्यूनिटी का निर्माण करते हैं. 1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ चूर्ण को मिलाकर काढ़ा बना लें इसके बाद, इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पीने से अपच की परेशानी ठीक हो जाती है.


यह खांसी से राहत देने में मदद करता है और गले की तकलीफ को भी कम करता है. इसका सेवन गर्म पानी के साथ या चाय में डालकर किया जा सकता है.  3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर बारीक पीस लें. फिर इसमें शहद मिलाकर चाटने से खांसी में लाभ मिलता है.


हृदय रोग, डायबिटीज में फायदेमंद है ये मसाला


हल्दी हमारी रसोई का एक सबसे आम मसाला है और आयुर्वेद में इसका अहम स्थान है. इसके चमत्कारी गुण वात और कफ दोषों को दूर करने में मदद करते हैं. इसमें करक्यूमिन होता है जो अर्थराइटिस, एलर्जी, हार्ट रोग, अल्जाइमर और डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. हल्दी में कैंसररोधी गुण भी पाए जाते हैं. रोगों में इसका उपयोग आयुर्वेद में कई तरह से किया जाता है, इसकी कई विधियां हैं.


दांत के दर्द के लिए रामबाण इलाज है ये घरेलू नुस्खा


यह एक चमत्कारी मसाला है, जिसमें कई औषधीय गुण हैं. इसमें बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण विद्यमान हैं जो कई तरह के संक्रमण से निपटने में मदद करते हैं. इसमें इम्यून को बढ़ाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे पॉलीफेनोल्स और प्रोएंथोसायनिडिन पाए जाते हैं. कुछ आयुर्वेदिक संस्थानों के अनुसार दालचीनी के सेवन से दांत व सिर दर्द, चर्म रोग, पाचनतंत्र संबंधी विकार, पीरियड्स की परेशानियों का उपचार किया जा सकता है.


फैटी लीवर की समस्या से हैं परेशान, तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खा


इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाली मेथी, एक प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है. ये साग और मसाले और रूप में इस्तेमाल की जाती है. एक रिसर्च के अनुसार मेथी लीवर के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं. आयुर्वेद के अनुसार 1-2 ग्राम मेथी दाना (बीज) के चूर्ण का सेवन न्यूरो (तंत्रिका-तंत्र) से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होता है और शरीर के दर्द में भी राहत देता है.


काली मिर्च के इस तरह सेवन से दूर होती है सर्दी-खांसी


यह भी एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है क्योंकि इसमें गैस्ट्रो-सुरक्षात्मक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. ये श्वसन संक्रमण से तुरंत राहत पहुंचाता है, सर्दी और खांसी को ठीक कर गले को भी सुरक्षा प्रदान करता है. इसको दैनिक आहार में शामिल करने से शरीर को आंतरिक मजबूती मिलती है.  


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