ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट के चौथे दिन के खेल के बाद 333 रन की बढ़त बना ली है. दिन के आखिरी सेशन में ऑस्ट्रेलिया टीम चाहती तो पारी घोषित कर सकती थी, लेकिन कप्तान पैट कमिंस ने यह फैसला नहीं लिया. इसके पीछे का कारण मार्नस लाबुशेन ने बताया है.
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India vs Australia: ऑस्ट्रेलिया ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के चौथे दिन टॉप ऑर्डर के फ्लॉप रहने के बाद भारत के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत की. टी ब्रेक से पहले ऑस्टेलिया टीम की हालत बुरी थी, जब उसके 91 पर 6 बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे. पैट कमिंस, नाथन लियोन और स्कॉट बोलैंड की अगुआई में ऑस्ट्रेलियाई पुछल्ले बल्लेबाजों ने टीम की वापसी कराई. मार्नस लाबुशेन ने 70 रन की पारी खेलकर पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया की बढ़त को 300 रनों के पार पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया. लाबुशेन ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा पर्याप्त बढ़त के बावजूद पारी घोषित करने के बजाय बल्लेबाजी जारी रखने के फैसले के पीछे का बड़ा कारण बताया है.
ऑस्ट्रेलिया को करनी चाहिए थी पारी घोषित
दिन की शुरुआत 105 रन की बढ़त के साथ करते हुए ऑस्ट्रेलिया का फोकस बढ़त को बढ़ाने पर था. स्टंप्स तक उसका स्क्रो 228/9 रहा. इससे ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 333 रनों की हो गई. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना था कि ऑस्ट्रेलिया को आखिरी सेशन में पर्याप्त बढ़त लेने के बाद पारी घोषित कर देनी चाहिए थी. खासकर तब जब मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर सबसे सफल रन चेज 332 रन का है, जो 1928 इंग्लैंड ने किया था.
लाबुशेन ने क्या बताया?
लाबुशेन ने पारी घोषित न करने के फैसले को स्पष्ट करते हुए भारत के गेंदबाजों द्वारा इनिंग की शुरुआत में डाले गए दबाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हमने अपने लिए बेहतरीन खेल दिखाया और शायद आज रात गेंदबाजी करने के बारे में सोचा और उन्हें (भारत) दबाव में लाने के बारे में सोचा.' इस बल्लेबाज ने आगे कहा, 'आप जानते हैं कि विकेट किस तरह से खेल रहा था और भारत की गेंदबाजी किस तरह से सामने आई और पहले 40-50 ओवरों में हमें दबाव में रखा. यह हमारे लिए कोई विकल्प नहीं था. यह 'जितना संभव हो सके उतने रन बनाने' जैसा हो गया.'
लाबुशेन ने ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों के योगदान पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, 'एक समय ऐसा था जब टीम 250-270 रन बना सकती थी और शायद इससे भी कम. इसलिए हमने इसे बहुत अच्छे से संभाला. हमारे निचले मध्यक्रम को इस बात के लिए बहुत श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने आखिरी हिस्से को कैसे संभाला.'
रिकॉर्ड रन चेज कर पाएगा भारत
भारत को मुकाबले में जीत हासिल करनी है तो उसे रिकॉर्ड रन चेज करना होगा. इस मैदान पर 300 से अधिक लक्ष्य का सफल पीछा सिर्फ एक ही बार हुआ है, जो इंग्लैंड ने 1928 में किया था. ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 333 रनों की हो चुकी है. यानी भारत ऑस्ट्रेलिया से मिले टारगेट को हासिल करने में कामयाब हुआ तो मेलबर्न में टीम इंडिया के नाम सबसे बड़े सफल रन चेज का रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा.