Petroleum Price in India: पेट्रोलियम उत्पादों के दाम भारत में आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. ये दाम समय-समय पर बदलते रहते हैं जो गाड़ी चलाने वालों, उद्योग और व्यापार के लिए बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं. यहां हम देखेंगे कि भारत में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम कैसे बढ़ते और घटते हैं और इसके पीछे के कारण क्या हैं.


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अंतर्राष्ट्रीय दाम: भारत पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्यों पर आधारित करता है.अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में परिवर्तन, ग्लोबल ताक और संचार राज्य के बीच बाजार में परिवर्तन के कारण पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में बदलाव हो सकता है. 


देशी और विदेशी शुल्क: भारत पेट्रोलियम उत्पादों को देशी और विदेशी शुल्कों पर बनाए रखता है. विदेशी शुल्क क्रूड ऑयल, गैस और अन्य भूमिगत तत्वों की आयात पर लगाया हुआ टैक्स होता है जो पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत पर प्रभाव डालता है. देशी शुल्क भी इसमें सम्मिलित होता है जो कि भारतीय कंपनियों को उत्पादन, रिफाइनिंग और वितरण की लागत पर आधारित होता है. इन शुल्कों में परिवर्तन पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में परिवर्तन का मुख्य कारण है.


आपूर्ति और मांग का संतुलन: पेट्रोलियम उत्पादों के दाम पर आपूर्ति और मांग का संतुलन भी प्रभाव डालता है. यदि पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति कम हो और मांग अधिक हो, तो दाम बढ़ सकते हैं और यदि पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति अधिक हो और मांग कम हो, तो दाम घट सकते हैं.


वैश्विक शुद्धिकरण और पर्यावरणीय नियम: भारत में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम कैसे बढ़ते हैं, इसके विषय में अन्य एक मुख्य कारक वैश्विक शुद्धिकरण और पर्यावरणीय नियम हैं. वैश्विक शुद्धिकरण प्रक्रियाएं जैसे कि पर्यावरण संरक्षण, उत्पादन की सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण भी उत्पादों की कीमत पर प्रभाव डाल सकते हैं. इसके लिए कंपनियों को नई तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन में सुधार करना पड़ सकता है, जो उत्पादों की लागत को बढ़ा सकता है और इससे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत पर प्रभाव पड़ता है.


आंतरिक और बाहरी गठबंधन: आंतरिक और बाहरी गठबंधन भी पेट्रोलियम उत्पादों के दाम पर प्रभाव डाल सकते हैं. विभिन्न देशों और कंपनियों के बीच समझौते और गठबंधन पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति पर प्रभाव डालते हैं और इससे दामों में परिवर्तन हो सकता है.


सरकारी नीतियां: सरकारी नीतियां भी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत पर प्रभाव डाल सकती हैं. उत्पादों पर लगाए जाने वाले कर, शुल्क, टैक्स और शुद्धिकरण के लिए नियम बदलने से उत्पादों की कीमत में परिवर्तन हो सकता है. सरकार उत्पादों की आपूर्ति और मांग को नियंत्रित करती है जो पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत पर प्रभाव डालता है.


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