IMD Weather Update : जून ने गर्मी से जलाया, अब कम बारिश भी तड़पाएगी, आईएमडी ने बताई वजह
मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारत की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है. मानसून की बारिश जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को देश के मौसम को लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है. अपने पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है.
कहां बारिश कम और कहां ज्यादा
जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की मार से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है.
अब तक क्या रहा हाल
आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी. आईएमडी के एक बयान के अनुसार, इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई.
क्या है वजह
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि देश मानसून की प्रगति धीमी हो गई है.इसके चलते जून में कम बारिश की संभावना है.
पहले जल्दी आया मानसून, फिर धीमा
इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई. इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही.
अभी क्या है स्थिति
मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया. हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा.''
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