नई दिल्ली: भारत सरकार और रेलवे का इस समय सबसे ड्रीम प्रोजेक्ट है वंदे भारत ट्रेन. इस ट्रेन को लेकर रेल मंत्रालय हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. देश के प्रधानमंत्री ने खुद पूरे देश भर में भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत चलाने को लेकर घोषणा की थी. जिसके बाद से लगातार रेल मंत्रालय वंदे भारत ट्रेन को पटरी पर उतारकर उसे और भी बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है.


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अभी देश में चल रहीं 6 वंदे भारत ट्रेनें


अभी तक पूरे भारत में 6 वंदे भारत ट्रेन पटरी पर उतर चुकी हैं और आम जनता इनका लाभ उठा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक इस साल के अंत में भी एक और वंदे भारत ट्रेन कोलकाता के हावड़ा स्टेशन से जलपाईगुड़ी के लिए रवाना की जाएगी. जिसके लिए रेलवे विभाग तैयारियों में जुट गया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर 11 दिसंबर 2022 को रवाना किया था. यह ट्रेन नागपुर से बिलासपुर तक चल रही है. प्रधानमंत्री ने इसे नागपुर रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था जहां पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे.


अभी तक की तय योजना के मुताबिक दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-श्री वैष्णो देवी माता कटरा, गांधीनगर से मुंबई, नई दिल्ली से अहमदाबाद और चेन्नई से मैसूर के बीच भारत की पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन चल रही है.


180 किमी/घंटा हो सकती है नई वंदे भारत की स्पीड


रेल मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नई वंदे भारत ट्रेन का 115 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक का परीक्षण जारी है. इस तेज गति से चला कर इसके कंपन का परीक्षण किया जा रहा है.


साथ ही साथ 160 किलोमीटर प्रति घंटा पर आपातकालीन ब्रेकिंग दूरी और ब्रेक प्रणाली की भी जांच हो रही है. नई वंदे भारत में आग लगने, धुंआ निकलने, उसके शोर और वाइब्रेशन की भी जांच उच्च स्तर पर की जा रही है. इसके साथ-साथ मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) के द्वारा भी इस नए वर्जन को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला कर देखा जा रहा है.


वंदे भारत ट्रेन का नया संस्करण पटरी पर उतर चुका है और लोगों को यह काफी भा रही है. नई वंदे भारत ट्रेन का पहला संस्करण गुजरात से लेकर महाराष्ट्र के बीच चलाया गया, जिसे 30 सितंबर 2022 को गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल के बीच शुरू किया गया था. इस ट्रेन को पटरी पर उतार कर लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया गया है, साथ ही इसमें आने वाली कमियों से रेल मंत्रालय नए बन रहे ट्रैक को और भी ज्यादा मजबूत और अलग बनाने की कोशिश कर रहा है.


'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने किए लिए निकलेगा ये टेंडर 


पहियों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए और अब मेड इन इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रेल मंत्रालय ने 15 लाख 40 हजार पहियों के विनिर्माण और आपूर्ति के लिए सुविधाएं लगाने के लिए प्रत्याशित विक्रेताओं से बोली लगाने के लिए टेंडर निकाला है. यह टेंडर मेक इन इंडिया की तर्ज पर आमंत्रित किया गया है.


इस टेंडर में 60 प्रतिशत से अधिक स्थानीय सामग्री लगाने वाले वेंडर को प्राथमिकता दी जाएगी. जिसके चलते देश में मेक इन इंडिया की तर्ज पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिलेगा और अपने देश में बना सामान ही अब इस्तेमाल किया जाएगा. ये टेंडर 24 जनवरी 2023 को खोला जाएगा.


(इनपुट- आईएएनएस)


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