नई दिल्ली: भारत की दो स्टार्टअप कंपनियों ने दो उपग्रहों SpaceKidz India और Pixxel को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की सहायता से अंतरिक्ष में भेजने के लिए तैयार किया है. यह पहला मामला है, जब ISRO ने सिर्फ उपग्रहों को लांच करने में मदद करेगा. ये दोनों ही उपग्रह व्यावसायिक हैं. 


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जून, 2020 में अंतरिक्ष में निजी उपग्रहों के प्रवेश की अनुमति के बाद ही भारत में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की स्थापना की गई थी. इस केंद्र की स्थापना अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र के कार्यक्षेत्र की देख-रेख के लिए की गई थी. अब आठ महीनों बाद ISRO दो प्राइवेट उपग्रहों को लांच करने के लिए तैयार है. 


स्पेसक्रिडज इंडिया (SpaceKidz India)
यह सैटेलाइट SpaceKidz India के छात्रों द्वारा तैयार किया गया है. यह पहली प्राइवेट सैटेलाइट है, जिसे ISRO लांच करने जा रहा है. ISRO ने इस सैटेलाइट के निर्माण में मुख्य भूमिका नहीं निभाई है. ISRO ने सिर्फ इस सैटेलाइट के कुछ हिस्सों का निर्माण किया है. 



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अमोनिया-1 
यह एक अमेरिकी प्राइवेट उपग्रह है. जिसे न्यूस्पेस इंडिया नामक कंपनी के द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. न्यूस्पेस इंडिया ISRO की एक व्यावसायिक शाखा है. इसके अलावा ISRO बीस यात्री उपग्रहों को भी इस उपग्रह के साथ भेजेगा. इनमें एक नैनो सैटलाइट भी शामिल है. 


निजी कंपनियों को बढ़ावा
ISRO के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने कहा कि हम अधिक से अधिक निजी कंपनियों को अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने का अवसर प्रदान करना चाहते हैं. हम निजी कंपनियों के साथ काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हम भारतीय कंपनियों को इनोवेशन के क्षेत्र में और आगे ले जाना चाहते हैं. यह भारत की अंतरिक्ष में उपस्थिति को भी बढ़ावा देगा. 


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