नई दिल्लीः दिवाली से पहले दिल्ली सरकार ने अकुशल, अर्धकुशल और कुशल श्रमिकों के न्यूनतम पारिश्रमिक में वृद्धि की है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह उनके लिए महंगाई से एक राहत होगी. संशोधित मासिक वेतन एक अक्टूबर से मान्य होगा.


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कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 20,357 रुपये
दिल्ली सरकार के बयान के अनुसार, अकुशल श्रमिकों का वेतन 16,506 रुपये की जगह अब 16,792 रुपये होगा, अर्धकुशल श्रमिकों की तनख्वाह 18,187 रुपये के बजाय पर अब 18,499 रुपये होगी तथा कुशल श्रमिकों का वेतन 20,019 रुपये के बजाय 20,357 रुपये होगा. 


'देश में मजदूरों को सर्वाधिक न्यूनतम वेतन देती है दिल्ली सरकार'
इससे पहले दिल्ली सरकार ने मई में न्यूनतम वेतन में वृद्धि की थी. सिसोदिया ने कहा, ‘न्यूनतम वेतन में वृद्धि महंगाई की मार झेल रहे श्रमिक वर्ग के लिए राहत देगी.’ उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार मजदूरों को देश में ‘सबसे अधिक न्यूनतम वेतन’ देती है. 


इन कर्मचारियों का भी बढ़ा न्यूनतम वेतन
कर्मचारियों के सुपरवाइजर और लिपिक संवर्ग के लिए न्यूनतम वेतन दरों में भी संशोधन किया गया है. गैर मैट्रिक कर्मचारियों के मासिक वेतन 18,187 रुपये से बढ़ाकर 18499 रुपये कर दिया गया है, जबकि मैट्रिक कर्मियों के लिए यह 20,019 रुपये से बढ़ाकर 20,357 रुपये कर दिया गया है.


मजदूर भाइयों को मिलेगी मदद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीएम केजरीवाल के नेतृत्त्व में मजदूर भाइयों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है. बकौल सिसोदिया, पिछले 2 साल में कोरोना वायरस के कारण समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है. वहीं, बढ़ती महंगाई से लोगों की कमर टूट गई है. उम्मीद है कि इससे मजदूर भाइयों को मदद मिलेगी.


उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी श्रमिकों को राहत देने के लिए हर 6 महीने में लगातार महंगाई भत्ते को बढ़ाती है.


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