नई दिल्लीः केरल सरकार ने अपनी तरह के पहले निर्णय में कहा है कि वह उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को मासिक धर्म (माहवारी) में छुट्टी प्रदान की जाएगी. 


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सीयूएसएटी के फैसले से ली सरकार ने सीख
कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) की ओर से अपनी छात्राओं का मासिक धर्म की छुट्टी प्रदान करने से सीख लेते हुए उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने कहा कि सरकार ने विभाग के दायरे में आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने का फैसला किया है. 


फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दी ये जानकारी
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “मासिक धर्म के दौरान छात्राओं को होने वाली मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में मासिक धर्म की छुट्टी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.” 


कोचीन विश्वविद्यालय के फैसले की सराहना की
हाल ही में कोचीन विश्वविद्यालय की ओर से लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह केरल में पहली बार है कि किसी शैक्षिक केंद्र ने छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी दी है. 


विभिन्न छात्र यूनियन छुट्टी के लिए बना रही थीं दबावः रिपोर्ट


इससे पहले कोचीन विश्वविद्यालय ने छात्राओं की अटेंडेंस में कमी के लिए अतिरिक्त दो प्रतिशत की छूट दी थी. इससे वे 'माहवारी राहत' का लाभ उठा सकती हैं. यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है, लेकिन छात्राओं को 73 प्रतिशत उपस्थिति रखनी होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में विभिन्न यूनियन छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने के लिए पहले दबाव भी बना रही थीं.


इस संबंध में वाइस चांसलर ने हाल ही में एक प्रस्ताव औपचारिक रूप से पेश किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, हर छात्रा के लिए अलग-अलग छूट होगी. यह उसकी परिस्थिति पर निर्भर करेगा. 


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