क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, क्यों कहते हैं ब्लैक फ्राइडे? क्या है इसका इतिहास
आज के दिन यानी ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है. आइये जानते हैं कि यह पर्व क्यों मनाया जाता है और इसका क्या इतिहास है.
नई दिल्ली: आज गुड फ्राइडे है. इसे होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. दुनिया भर में ईसाई धर्म के लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं. आज के दिन यानी ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है. आइये जानते हैं कि यह पर्व क्यों मनाया जाता है और इसका क्या इतिहास है.
सूली पर चढ़ाए गए ईसा मसीह
आज के दिन प्रभु यशु मसीह को कई प्रकार की शारीरिक अत्याचार के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. और इसी वजह से इस दिन को कुछ लोग ब्लैक फ्राइडे भी बोलते हैं. ईसाई धर्म के अनुसार यशु मसीह ने लोगों की भलाई के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया था इसीलिए इसे ' गुड ' का नाम दिया गया.
क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास ?
ऐसा माना जाता है कि लगभग 2000 साल पहले प्रभु यशु ने लोगों को भाईचारे , एकता , अहिंसा , मानवता और शांति का पाठ देने का काम शुरू किया था और उसी दौरान जब प्रभु यशु कि लोकप्रियता लोगों में बढ़ने लगी तो वहां के धर्मगुरुओं को अपनी चिंता सताने लगी. उन्होंने यशु मसीह को मानवता का शत्रु घोषित कर दिया. लेकिन इसके बाद भी यशु मसीह कि लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई.
आखिरकार ईसा मसीह पर राजद्रोह का आरोप लगाया और उन्हें मृत्युदंड देने का आदेश जारी हुआ. इस फरमान के बाद से ईसा मसीह पर शारीरिक अत्याचार का दौर शुरू हुआ, उनपर कोड़े बरसाए गए, चाबुक से मारा गया और काटों का ताज पहना कर उन्हें टार्चर किया. और अंत में उनके पैरों और हाथों में किले गाढ़कर क्रास पर लटका दिया गया.
क्या हुआ था यशु मसीह को सजा देने के बाद
ईसाईयों के पवित्र ग्रन्थ बाइबल के अनुसार यशु को 6 घंटे तक कीलों से ठोककर लटकाया गया था और उसी दौरान आखिर के 3 घंटो में पूरे राज्य में अँधेरा छा गया था. ईसा मसीह के प्राण त्यागने के बाद कहा जाता है कि ज़लज़ला आ गया था और कब्रें टूटने लगी थीं. इसके बाद से हर वर्ष आज के दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाने जाया लगा.
कैसे मनाया जाता हैं यह पर्व
ईसाई लोग दोपहर 3 बजे चर्च में इकठ्ठा होकर प्रार्थना करते हैं और प्रभु यशु से अपने गुनाहों या गलतियों कि माफ़ी मांगते हैं और ईसा मसीह को श्रद्धांजलि देते हैं. गु फ्राइडे को चर्च में घंटियां नहीं बजती हैं और ज़्यादातर लोग काले रंग के कपड़े पहनकर अपना शोक व्यक्त करते हैं. वैसे तो ईसाई लोग पुरे सप्ताह इसे पवित्र मानते हैं और चर्च में प्रार्थना के अलावा और किसी तरह का सेलिब्रेशन नहीं किया जाता है.
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