प्री बजट एक्सपेक्टेशन 2021: उम्मीदों के Budget में क्या होगा, कैसा होगा?

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2021 पेश किया गया. इसके बाद से ही बाजार में चर्चा है कि नए बजट में क्या होगा और कैसा होगा?

नवीनतम अद्यतन

  • हेलमेट के दाम कम हो सकता है!

    सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी हेलमेट पर लगने वाले जीएसटी कर को भी कम किया जा सकता है. हेलमेट के दाम कम होने से इसके उपयोग में इजाफा होगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. अभी सरकार सड़क सुरक्षा पर एक बड़ी राशि खर्च करती है. हेलमेट पर टैक्स कम करने से सड़क सुरक्षा पर होने वाले खर्च में कमी आएगी. आगामी वित्तीय बजट में केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिहाज से कई प्रोत्साहन नीतियों की घोषणा कर सकती है. केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी का भी एलान कर सकती है. सरकार के इस कदम से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में बढ़त देखने को मिल सकती है.

  • व्हीकल स्क्रैपिंग नीति हो सकती है लागू

    आगामी वित्तीय बजट में ऑटो सेक्टर को लेकर भी बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं. बजट में व्हीकल स्क्रैपिंग नीति को भी लागू किया जा सकता है. इस नीति के तहत वाहन को 15 साल तक ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस नीति के लागू होने से सड़कों पर दौड़ रहीं  पुरानी ट्रकें और बसें स्क्रैप में भेज दी जाएंगी. यह नीति ऑटो सेक्टर में जान फूंक सकती है. कोरोना काल में ऑटो सेक्टर में भारी नुकसान हुआ है. इस लिहाज से ऑटो सेक्टर पर लगने वाले जीएसटी कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत तक किया जा सकता है.

  • बदल सकता है पढ़ाई का तरीका

    online शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने पर प्लान हो सकता है. इसके साथ ही ऑनलाइन लाइब्रेरी लैब से लेकर क्लासरूम को स्मार्ट क्लासरूम में बदले जाने की योजना है. बजट में इसे लेकर अहम घोषणा हो सकती है. शिक्षकों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर पढ़ाई करवाने के लिए विशेष ट्रेनिंग अभियान भी शुरू करना है. स्कूलों से ही छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास की ट्रेनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे नए कोर्स, इंटर्नशिप आदि पर काम होना है. इन सभी बदलावों की आशा रखते हुए शिक्षा का क्षेत्र Union Budget 2021 की ओर देख रहा है.

  • शिक्षा बजट में 5 से 7 या 8 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद

    शिक्षा बजट में 5 से 7 या 8 फीसदी तक बढ़ोतरी की भी उम्मीद है. क्योंकि महामारी के बाद अब शिक्षा को तकनीक से युक्त बनाने पर ध्यान देना ही होगा, ताकि आगे कभी इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े और हर तरह की स्थित का एक Back Up प्लान हो. इस बात पर अधिक फोकस होगा. इसीलिए बजट में हाईब्रिड थीम पर शिक्षा के लिए खास प्रावधान होगा. ऐसे में इस बात पर जोर हो सकता है कि सरकार पारंपरिक कक्षानुमा शिक्षा पद्धति के साथ ही Online शिक्षा पद्धति पर भी फोकस रहे. Online Class जारी रहने को लेकर योजना की घोषणा हो सकती है.

  • सामान्य रेल सेवा को लेकर घोषणा की उम्मीद

    हालांकि सामान्य रेल सेवा को लेकर तो पूरे देश को ही इंतजार है. पिछले महीने जनरल टिकट को लेकर घोषणा होने की बात सामने आई थी, लेकिन इसे वापस ले लिया गया. वहीं मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेन से चलने वाले लोग भी रोजमर्रा की यात्रा के लिए इसके परिचालन का इंतजार कर रहे थे. उनकी मांग को देखते हुए 1 फरवरी से लोकल ट्रेन चलने की घोषणा की हो गई है, लेकिन देश भर की रेल सेवा अभी सामान्य नहीं हुई है. उम्मीद है कि Union Budget 2021 में सामान्य रेल सेवा को लेकर भी कोई बड़ी घोषणा हो सकती है.

  • रांची को विस्टाडोम कोच पर्यटन ट्रेन की उम्मीद

    रेल बजट से रांची को भी बड़ी उम्मीद है. आशा है कि शहर को विस्टाडोम कोच पर्यटन ट्रेन का तोहफा मिल सकता है. दरअसल रांची के आस-पास 30 किलोमीटर के दायरे में कई जलप्रपात हैं. इतने जलप्रपात किसी जगह नहीं हैं. इसलिए यह इलाका पर्यटन का केंद्र बन सकता है. इसके अलावा Lockdown से पहले चलने वाली सारी ट्रेनों के दोबारा चलाए जाने की घोषणा की भी उम्मीद है.

  • लग सकता है Corona सेस

    इस वक्त देश में Corona की वैक्सीन का अभियान भी शुरू हुआ है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार इस Budget में कोरोना सेस भी लगा सकती है. माना जा रहा है कि ये कोरोना सेस 2% तक हो सकता है और इसे लगभग तीन साल के लिए लगाया जा सकता है. हालांकि इसमें आम लोगों को राहत की उम्मीद है, लेकिन कॉरपोरेट के लिए यह सेस अधिक हो सकता है. वे इसकी जद में आ सकते हैं.

  • बड़ा हो सकता है स्वास्थ्य बजट

    इस बार के Union Budget का सबसे बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य की ओर जा सकता है. हाल ही में जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में भी ऐसी ही बात की गई है. वित्त वर्ष 2020-21 में स्वास्थ्य का बजट लगभग 67000 करोड़ रुपये का था. इसे बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ तक किया जा सकता है. सर्वे में स्वास्थ्य पर होने वाले ख़र्च को बढ़ाकर लगभग दोगुना करने की सलाह दी गई है. मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन के सलाह पर अमल करते हुए सरकार इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे सकती है.

  • सुरक्षा कोष में वृद्धि की उम्मीद

    रेल बजट में सुरक्षा को लेकर भी अहम घोषणाएं हो सकती हैं. राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष के लिए आवंटन में 50 फीसदी वृद्धि की मांग की गई है. वर्तमान में 20,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर हर पांच साल पर 30 हजार करोड़ रुपये किए जाने की मांग की जा रही है. इससे सुरक्षा के बुनियादी ढांचों में लेटेस्ट टेक्नॉलोजी को लाने में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि बजट में इन मांगों पर ध्यान दिया जाएगा.

  • रेलवे में स्पीड पर होगा जोर

    मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस बार रेल बजट भी खास होगा. इसमें ट्रेनों की रफ्तार और बढ़ सकने की उम्मीदें हैं. सरकार के एजेंडे में प्राइवेट ट्रेनें टॉप पर हो सकती है. इसके अलावा तेज रफ्तार वाली ट्रेनों को भी प्राथमिकता मिल सकती है. बुलेट और रैपीड ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना पहले ही बन चुकी है. बजट में निजी गाड़ियों के लिए अधिक नीतिगत समर्थन, नए मार्गों पर तेज कनेक्टिविटी के लिए नई रेलगाड़ी, पर्यटन और तीर्थ स्थलों के लिए बेहतर रेल संपर्क, पूर्वोत्तर राज्यों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार की भी उम्मीद है.

  • रेल बजट में 5 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद

    Union Budget 2021 के साथ ही रेल बजट भी जारी किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो रेल मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि जट में, उसके पूंजिगत ख़र्च को 1.6 लाख करोड़ से बढ़ाकर, 1.8 लाख करोड़ रुपये कर दिया जाए. हालांकि इसे लेकर शंकाजनक स्थिति है. Corona काल और Lockdown के कारण इस तरह की आशातीत वृद्धि की आशा कम ही है. सूत्रों की मानें तो रेल बजट में वास्तविक वृद्धि 3-5 प्रतिशत (5,000-8,000 करोड़) से अधिक नहीं होगी.

  • होटलों पर लगने वाले GST में कटौती!

    होटलों एवं रेस्टोरेंट का व्यापार क्षेत्र भी कोरोना महामारी से प्रभावित हुआ है. आगामी वित्तीय बजट में इस क्षेत्र को राहत दी जा सकती है. केंद्र सरकार होटलों पर लगने वाले जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत तक कर सकती है.

  • बजट में 75 प्रतिशत तक की कटौती?

    कोरोना महामारी के दौर में संवाद के माध्यम बदले हैं. कई बड़े देशों के बीच की महत्वपूर्ण बातचीत भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संभव हुई है. इसे ध्यान में रखते हुए आगामी वित्तीय बजट में विदेश यात्राओं के लिए आंवटित होने वाले बजट में 75 प्रतिशत तक की कटौती की जा सकती है.

  • राष्ट्रीय पर्यटन परिषद का हो सकता है गठन

    आगामी वित्तीय बजट में केंद्र और राज्य के बीच पर्यटन को लेकर दृष्टिकोण को सुगम बनाने के लिए एक राष्ट्रीय पर्यटन परिषद के गठन का ऐलान किया जा सकता है. इस परिषद में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ देश के पर्यटन मंत्री की बड़ी भूमिका हो सकती है.

  • GST में छूट का ऐलान हो सकता है

    कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौर से ही नुकसान में चल रहे पर्यटन क्षेत्र के लिए आगामी वित्तीय बजट में जीएसटी में 10 प्रतिशत तक की छूट का ऐलान किया जा सकता है.

  • सदन में सबको मिलेगा मौका!

    चर्चा के दौरान छोटे दलों को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. बड़े दलों से अपील की गई है कि वे सदन की कार्यवाही में अवरोध पैदा नहीं करेंगे. केंद्र की ओर से कहा गया कि वह कृषि कानूनों पर भी चर्चा के लिए तैयार है.

  • बिजनेस एडवाइजरी कमेटी हुई बैठक

    शनिवार को प्रधानमंत्री की ओर से हुई सर्वदलीय बैठक के बाद बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की भी बैठक हुई. कमेटी की बैठक राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बुलाई थी. बैठक में राज्यसभा के फ्लोर लीडर भी शामिल रहे. बैठक में संसद में होनी वाली चर्चाओं के समय निर्धारण को लेकर चर्चा की गई. तय हुआ है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव और बजट पर चर्चा के लिए 10-10 घंटे का समय तय करने पर सहमति बनी है.

  • NPS में निवेश पर टैक्स छूट बढ़ने की उम्मीद

    उम्मीद है कि सरकार नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर 80CCD(1B) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है. अभी वर्तमान में जो स्थिति है उसमें आप NPS में 2 लाख रुपये तक भी निवेश कर दें तो 80CCD(1B) की 50 हजार और 80CCD(1) की 1.5 लाख की छूट को मिलाकर पूरे 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं.

  • टैक्स में छूट की उम्मीद

    Union Budget-2021 में उम्मीद है कि सरकार टैक्स में छूट की सीमा बढ़ा सकती है. मौजूदा समय में टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जिसे 3 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. जिसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के समय में 2014 में ही छूट को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था, तब से इन सात सालों में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है.

  • कुसुम योजना में विस्तार की घोषणा हो सकती है

    केंद्र सरकार आगामी वित्तीय बजट में कुसुम योजना में विस्तार को लेकर भी बड़ी घोषणा कर सकती है. इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल उपलब्ध कराया जाता है. सरकार इस योजना के लिए आंवटित राशि में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकती है.

  • बढ़ाई जा सकती है किसान सम्मान निधि

    किसानों को PM Kisan Yojna के तहत अभी सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में यह राशि बढ़ाए जाने की घोषणा की जा सकती है. आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये सालाना तक की जा सकती है.

  • कृषि क्षेत्र के लिए सरकार की प्लानिंग

    बीते वित्तीय वर्ष में सरकार ने कृषि ऋण पर दो प्रतिशत की ब्याज सहायता भी किसानों को दी है. सामान्यतया किसानों को 9 प्रतिशत ब्याज अदा करना पड़ता है. सरकार किसानों को सस्ते ऋण उपलब्ध कराकर देश में कृषि क्षेत्र में उत्पादन क्षमता को और बढ़ाना चाहती है.

  • कृषि ऋण में बढ़ोत्तरी की संभावना!

    वित्तीय वर्ष 2021-22 में कृषि ऋण में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की संभावना है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में किसानों को 11.68 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया. आगामी वित्तीय वर्ष में कृषि ऋण की राशि 19 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाई जा सकती है.

  • कृषि लोन बढ़ाने की घोषणा होगी?

    केंद्र सरकार आगामी वित्तीय बजट में कृषि लोन बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कृषि ऋण की लिमिट को बढ़ा सकती है. सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर चल रहे टकराव के बीच सरकार का यह कदम किसानों का भरोसा जीतने में अहम भूमिका निभा सकता है.

  • कैसे जगी उम्मीदें? जानिए

    आर्थिक सर्वेक्षण-2021 उम्मीद जगाता है कि गत अगले दो वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभर सकता है. 2021-22 में देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार 11% हो सकती है.

  • कोरोना के बाद पहला क्या मिलेगा?

    Corona काल के बाद होने वाला वित्त वितरण इसलिए भी अनोखा होगा क्योंकि देश ने मौत, गिरते आर्थिक हालात और भीषण स्वास्थ्य समस्याएं भी झेली हैं.

  • आर्थिक सर्वेक्षण-2021 पेश

    शुक्रवार को जो आर्थिक सर्वेक्षण-2021 पेश किया गया. उसमें भी कठिन परिस्थितियों में उम्मीद बांधे रहने की बात प्रमुखता से नजर आई है.

  • आर्थिक सुधार की आशा

    Union Budget-2021 में सबसे बड़ी बात आर्थिक सुधार हो सकती है. आम तबका भी इस आशा में ही Budget की ओर देख रहा है.

  • क्या महंगाई भत्ता मिलेगा?

    दरअसल, केंद्र सरकार ने Corona महामारी की वजह से महंगाई भत्ता व राहत में वृद्धि को स्थगित कर दिया था. उत्तराखंड के केंद्रीय कर्मचारी भी ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं कि कर्मचारियों का रोक दिया गया महंगाई भत्ता उन्हें मिलेगा. जनवरी 2020 से महंगाई भत्ते का एरियर भी उन्हें मिलेगा. बढ़ी महंगाई से आयकर में भी कर्मचारियों को राहत मिलेगी.

  • वेतन को लेकर बड़ी उम्मीदें

    केंद्रीय कर्मचारियों को अपने वेतन को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं. आशा है कि Union Budget-2021 में सरकार कर्मचारियों के लिए दो इंक्रीमेंट (वार्षिक वेतन वृद्धि) और बकाया महंगाई भत्ता (DA) देने का ऐलान भी कर सकती है. उम्मीद है कि इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किया जाएगा.

  • कोरोना के बाद ये उम्मीद बढ़ी

    बीते सात सालों से इस छूट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आखिरी बार 2014 में वित्त मंत्रालय अरुण जेटली के हाथ में था. उन्होंने यह सीमा एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख की थी. Corona काल के कठिन दौर को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है.

  • टैक्स को लेकर छूट की आशा

    Union Budget-2021 में उम्मीद है कि सरकार टैक्स को लेकर कुछ छूट दे. अभी के मौजूदा हाल में Income Tax Act 80C के तहत निवेश पर आयकर में 1.5 लाख की आय पर टैक्स छूट पाई जा सकती है.

  • नौकरीपेशा लोगों की आशा

    Union Budget-2021 की ओर सबसे आशाभरी निगाहों से देखने वाले लोग नौकरी पेशा और सैलरी वाले हैं. बीता साल 2020 Corona महामारी के कारण बहुत बुरा गुजरा है. यह एक ऐसा मौका था जहां छोटी दिहाड़ी पूंजी वाले तो सड़क पर दिखे ही, मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कई लोगों की नौकरी भी इस दौरान गई. ऐसे में Union Budget-2021 को लेकर सरकार से उम्मीद है कि वह नौकरी पेशा को बड़ी राहत दे.

  • बजट से पहले सर्वदलीय बैठक

    अभी तक की जानकारी के मुताबिक, शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी Union Budget-2021 के जारी होने से पहले सर्वदलीय बैठक हुई. PM Modi की यह कोशिश होगी कि बजट सत्र हंगामेदार न हो और विपक्षी दल इस मौके पर साथ आएं.

  • क्या होगा सस्ता, क्या होगा महंगा?

    तमाम विश्लेषकों और आर्थिक मामलों के जानकारों के आंकलन के जरिए जी हिंदुस्तान Union Budget-2021 की संभावित रूपरेखा सामने रख रहा है. इसमें हम बता रहे हैं कि क्या सस्ता होगा, क्या महंगा होगा, बाजार में कीमतें उछलेंगी या गिरेंगीं. कर्जे-कृषि और व्यापार कैसा रहेगा और सबसे बड़ी बात की सैलरी मिलने पर कितनी रकम आपके हाथ आएगी और कितनी टैक्स में जाएगी. इन सब जरूरी बातों पर हमारा ध्यान रहेगा. रेल बजट भी आम बजट के साथ ही पेश होगा इसलिए रेलवे में संभावित बदलावों पर भी हमारी नजर रहेगी.

  • जल्द खुलेगा बजट का पिटारा

    बस कुछ घंटों का इंतजार फिर इसके बाद हमारे सामने साल 2021-22 का आम बजट होगा. यानी सरकार आगामी एक साल तक देश चलाने के लिए वित्तीय वितरण करेगी और इसी के अनुसार योजनाओं के लिए धनराशि जारी की जाएगी. आम आदमी के ऊपर सीधे तौर पर असर डालने वाला वित्तीय बजट देश की आर्थिक स्थिति का साफ आंकलन सामने रखता है. इसलिए इसे लेकर अनुमान और अटकलों का दौर भी जारी रहता है.

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