शहतूत में होते हैं ये कमाल के 10 गुण, कोलेस्ट्रॉल भी होता है कम
वैज्ञानिक नाम मोरस अल्बा को आम भाषा में शहतूत के नाम से जाना जाता है. मोरेसी परिवार से संबंधित है , यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका उपयोग दवाएं एवं घरेलू उपचार में किया जाता है. एक तरह से देखा जाए यह एक अंडररेटेड प्रजाति है जिसके गुणों के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है.
नई दिल्ली: आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह भारत में पाये जाने वाले इस पौधे को आप उपयोग करके दवाइयों से मुक्ति पा सकते हैं. आपको शायद यह बात पता नहीं होगी कि हम और आपकी सोच से कई गुना ज्यादा गुण इसमें पाये जाते हैं.
इन गुणों से भरपूर शहतूत
-गले की सूजन, बुखार को कम कर सकता है
-कुछ प्रकार के कृमि परजीवी को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है
-असामान्य रक्त के थक्कों के निर्माण को धीमा कर सकता है
-धमनियों की भीतरी दीवारों पर वसायुक्त पदार्थ के जमाव को कम करने में मदद करता है
-इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले कार्बनिक यौगिकों पाये जाते हैं
-ब्लड शुगर को बेहतर रखने में कुछ मदद कर सकता है
-यह बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाये रखने में मदद कर सकता है
-मुहांसों और दाग धब्बों की समस्या से भी छुटकारा दिलाने में सहायक है
आयरन से भरपूर
शहतूत में आयरन की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है जिससे इससे शरीर के अंग प्रणालियों और ऊतकों में ऑक्सीजन के वितरण में सुधार करने में मदद मिल सकती है.
मोतियाबिंद जैसी समस्याओं से भी निजात
आंखों में सूजन एवं मोतियाबिंद जैसी समस्याओं से भी निजात मिल सकती है. दरअसल मुक्त कणों के कारण रेटिना का मध्य भाग, जिसे मैक्युला कहा जाता है, ख़राब हो जाता है और मोतियाबिंद हो जाता है. शहतूत के फलों में पाया जाने वाला ज़िया-ज़ैन्थिन इन मुक्त कणों के कारण रेटिना कोशिकाओं पर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
दुष्प्रभाव भी
शहतूत के सेवन से कुछ नुकसान इस प्रकार है. एलर्जिक लोगों शहतूत के सेवन में कोताही बरतनी चाहिए किसी सलाहकार की मदद से सेवन मात्रा को जांच लेने में ही भलाई है. वहीं लो लेवल शुगर वाले व्यक्ति को भी इसका प्रयोग खतरनाक साबित होता है.
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