Mycoplasma Pneumoniae Positive: चीन में पनपी कोरोना बीमारी से अभी दुनिया के लोग सही से उभरे भी नहीं है कि एक और बीमारी ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया रहस्यमयी बीमारी एक बार फिर से बच्चों और बूढों को अपना निशाना बना रही है. यह बीमारी चीन ही नहीं बल्कि अमेरिका तक पहुंच चुकी है. 


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क्या है ये बीमारी?
माइकोप्लाज्मा निमोनिया को इन्फ्लुएंजा फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. यह बामारी बच्चों और बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहा है. बता दें कि, जो व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त हो रहा है. उसके दोनों फेफड़ों की थैली में मवाद भर जाता है और इससे सूजन की समस्या होने लगती है. इसके बाद मरीज को मवाद वाली खांसी हो जाती है और धीरे-धीरे बुखार भी चढ़ने लगता है. बता दें कि यह बीमारी 7 साल से छोटे बच्चों और 66 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को अपना निशाना बना रहा है. 


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ये है लक्षण....
निमोनिया की बीमारी के लक्षण ने भारत के नागरिकों की नींद उड़ा दी है. इस बीमारी के शुरुआती लक्षण हैं कि मरीज को सांस लेने के दिक्कत होने लगती है और साथ ही उसका ब्लड प्रेशर भी धीमा होने लगता है. इसके अलावा खून की खांसी होना और अचानक से साँसों का तेजी से बढ़ना और घटना भी इस बीमारी का लक्षण है. वहीं 7 साल से कम उम्र के बच्चों या 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बार बार उलटी होना भी इस बीमारी का मुख्य लक्षण हैं. 


कैसे फैलता है माइकोप्लाज्मा?
माइकोप्लाज्मा बीमारी भी संक्रिमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है. जब संक्रिमित व्यक्ति खांसता है, तो इस दौरान बैक्टीरिया फैलता है और इन बैक्टीरिया में ही माइकोप्लाज्मा होते हैं. यह बैक्टीरिया आपकी सांसों के माध्यम से आपको संक्रमित कर सकता है. बत दें कि माइकोप्लाज्मा को फैलने के लिए किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक रहना हो सकता है. 


कैसे करें बचाव?
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माइकोप्लाज्मा निमोनिया वायरस यानी 'इन्फ्लुएंजा फ्लू' से बचने के लिए आप नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं.


-जब इन्फ्लुएंजा वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया वायरस के विषाणु होते हैं.


-संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.


-अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.


-ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.


-भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें. इससे आपको संक्रिमित होने के चांसेस अधिक हो जाते हैं.


-जब भी आप घर से बाहर जाएं, तो अपना मुंह किसी कपड़े से ढक कर रखें. या फेस मास्क का इस्तेमाल करना न भूलें.


-बिना हाथ धोए कुछ भी भोजन न खाएं और बार-बार अपने हाथों को धोते रहें.


डिस्क्लेमर 
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.


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