नई दिल्ली: Old Pension Scheme: देशभर में तमाम कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग उठा रहे हैं. वहीं, राजस्थान, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को दोबारा लागू भी किया जा चुका है. इस बीच मोदी सरकार ने पेंशन में बदलावों की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.


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समीक्षा के लिए समिति का किया गठन
दरअसल, सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) की समीक्षा करने और सरकारी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसमें किसी भी बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की.


रिपोर्ट सौंपने को लेकर समयसीमा तय नहीं
वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार समिति में सचिव, कार्मिक, विशेष सचिव, कार्मिक और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के अध्यक्ष भी शामिल होंगे. हालांकि, समिति की तरफ से सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है.


पेंशन से जुड़े मसलों का निकाला जाएगा समाधान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने घोषणा की थी कि पैनल का गठन वित्त सचिव की अध्यक्षता में एनपीएस की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करेगा. कमेटी पेंशन से जुड़े मसलों का समाधान निकालेगी.


कुछ राज्यों में लागू है पुरानी पेंशन व्यवस्था
एनपीएस की समीक्षा और इसमें सुधार की गुंजाइश की मांग को लेकर सरकार को मिले अभ्यावेदन के बीच यह कदम उठाया गया है. कई राज्यों के कर्मचारी मौजूदा पेंशन सिस्टम में बदलाव की मांग कर रहे हैं. कुछ राज्य पहले ही पुरानी पेंशन योजना में वापस आ गए हैं. 


राज्यों से भी विचार मांगेगी समिति
पैनल की शर्तों के अनुसार, यह राजकोषीय विवेक बनाए रखते हुए सरकारी कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक दृष्टिकोण विकसित करेगा. समिति राज्यों से विचार भी मांगेगी और एनपीएस के लाभार्थियों के लिए पेंशन लाभों को संशोधित करने या सुधारने के उपाय सुझाएगी.


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