कोरोना में नहीं का मतलब नहीं !!
जो मना है वो मना है, उसके लिए न हां करें न हां करवाएं. सोच-विचार में में समय न गंवाएं, दिमाग में उलझन न लाएं - याद रखें कोरोना में नहीं का मतलब नहीं !!
नई दिल्ली. जो लोग न को हां कराने की जिद करें, उनसे दूर रहें. उन लोगों में आप शामिल हों जिनको कोरोना की परवाह नहीं है. आप अपने पीछे अपना परिवार छोड़ कर आये हैं, आपको उनका ख़याल रखना है. इसलिए जो नहीं करना है वो बिलकुल नहीं करना है.
धूम्रपान, गुटखा और शराब पड़ेगी भारी
धूम्रपान, गुटखा और शराब आपके शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करने वाले तत्व हैं. शरीर को मजबूत बनाना है और इम्युनिटी को बढ़ाना है ऐसे में इन तीन चीज़ों का सेवन आपको कोरोना के सामने कमजोर करेगा. इसलिए अब समय आ गया है आप इन चीज़ों का त्याग करें. अगर त्याग न हो सके तो घर से निकलना छोड़ दें ताकि कल के कैंसर से न सही, आज के कोरोना से तो आप बचे ही रहें.
बाहर खाना-पीना बंद
अब इंतज़ार कीजिये एक साल या दो साल तक जब कोरोना का दूर दूर तक नामोनिशान न रहे. तब जिंदगी शायद पहले जैसी हो जाए. उस समय आप खा सकेंगे बाहर का खाना. अभी आपको सब कुछ अपनी दम पर करना है क्योंकि बाहर हर कदम पर खतरा है.
मित्रता न सही, निकटता करें बंद
मित्रता तो वैसे भी बंद करने वाली चीज़ नहीं है. सच्चे मित्र तो जीवन भर नहीं त्यागे जाने चाहिए. लेकिन हां अब शारीरक दूरियों का ज़माना आ गया है. अब जिस मित्र को आप जानते हों और जिसे न जानते हों - इन दोनों प्रकार के मित्रों से सोशल डिस्टेंसिंग आपको ईमानदारी से निभानी है. घर के बाहर अजनबियों के लिए होती है सोशल डिस्टेंसिंग और घर के बाहर जानने वालों के लिए होती है फिज़िकल डिस्टेंसिंग, ये भूलियेगा नहीं.