Coronavirus variant: साल 2020 में कोरोना वायरस की महामारी ने सारी दुनिया को अपनी चपेट में जकड़ा तो सारा विश्व थम गया. कई महीनों तक लोग अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हो गये तो वहीं वैश्विक स्तर पर करोड़ों लोगों की मौत हो गई थी. लगभग दो साल तक दुनिया को चपेट में लेने के बाद अब विश्व को थोड़ी राहत की सांस जरूर मिली है लेकिन इसको लेकर पूरी तरह से मस्त होने की जरूरत नहीं है.


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हिरण के अंदर पाया जा रहा है कोरोना का पुराना वैरिएंट


विश्व हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें साफ किया गया है कि अगर इसको लेकर लापरवाही बरती गई तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं, खासतौर से इस वायरस के पुराने वैरिएंट को लेकर. प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) ने एक स्टडी छापी है जिसके अनुसार हिरण के अंदर कोरोना वायरस के पुराने वैरिएंट अभी भी एक-दूसरे से फैल रहे हैं और ये दोबारा इंसानों को संक्रमित कर सकती हैं.


उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के आने के बाद एल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन नाम के कई वैरिएंट आए और दुनिया भर में तबाही मचाई. WHO ने इन वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कन्सर्न की श्रेणी में डाला है जिसका मतलब है कि इन को लेकर गंभीर रहने की जरूरत है. वहीं जो वैरिएंट घातक या संक्रामक नहीं थे उन्हें वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट कहा गया.


दुनिया में फिर से तबाही मचा सकता है कोरोना का वैरिएंट


वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट पर हुई इस स्टडी में कहा गया है कि म्यूटेशन के बाद भी ये वायरस खत्म नहीं हुए हैं बल्कि हिरणों में अपनी ऑरिजनल अवस्था में बस गये हैं. दिसंबर 2021 में जमा किये गये नमूनों के अनुसार अमेरिका और कनाडा के सफेद पूंछ वाले हिरणों में अल्फा और गामा वैरिएंट पाया गया. 


गौरतलब है कि इसमें कुल 5,500 सैंपल्स लिये गये थे जिनमें शुरुआत में संक्रमण सिर्फ 0.6 प्रतिशत था लेकिन बाद में ये 21 प्रतिशत तक पहुंच गया. नमूने में आये इन नतीजों के बाद वैज्ञानिकों को चिंता है कि ये वैरिएंट आगे चलकर फिर से इंसानों को अपना शिकार बना सकते हैं और तबाही मचा सकते हैं.


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