Old pension scheme matter in Lok sabha: सरकार ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से पुरानी पेंशन योजना में वापस जाने की समय सीमा बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. यह घोषणा बुधवार (7 अगस्त) को की गई.


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1 जनवरी, 2004 को सशस्त्र बलों को छोड़कर केंद्र सरकार की सेवाओं में सभी भर्तियों के लिए अनिवार्य हुई एनपीएस ने पुरानी पेंशन योजना की जगह ले ली, जिसमें निश्चित पेंशन लाभ दिए जाते थे.


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में स्पष्ट किया कि न्यायालय के निर्णयों के बाद पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 3 मार्च, 2023 को निर्देश जारी किए थे.


इन निर्देशों ने 22 दिसंबर, 2003 को एनपीएस अधिसूचना से पहले पदों के लिए भर्ती या अधिसूचित केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में वापस जाने का एकमुश्त विकल्प दिया.


हालांकि, यह विकल्प चुनने की अवधि 31 अगस्त, 2023 को समाप्त हो गई, तथा संबंधित नियुक्ति प्राधिकरण को इन विकल्पों की समीक्षा करने और निर्णय लेने के लिए 30 नवंबर, 2023 तक का समय दिया गया.


सिंह ने कहा कि इन समयसीमाओं को बढ़ाने या 3 मार्च, 2023 के आदेश से संबंधित अतिरिक्त निर्देश जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.


समयसीमा से चूक गए तो NPS अपनाए रखें
पेंशन धारकों के लिए, इस निर्णय के महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं. जो कर्मचारी समयसीमा चूक जाते हैं, उन्हें एनपीएस जारी रखना चाहिए, जो निश्चित पेंशन के बजाय बाजार से जुड़े लाभ प्रदान करता है. इससे पुरानी पेंशन योजना की तुलना में सेवानिवृत्ति के लाभ व अन्य चीजें अलग-अलग हो सकती हैं. बता दें कि एनपीएस बाजार में निवेश किए गए योगदान पर ध्यान केंद्रित करता है, जहां बाजार के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न में उतार-चढ़ाव हो सकता है.


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