Old Pension Scheme: कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! हिमाचल में पुरानी पेंशन हुई बहाल
Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की अपनी पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. सरकार ने वर्तमान में नई पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए इसे ‘लोहड़ी के उपहार’ के रूप में बताया.
नई दिल्लीः Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की अपनी पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. सरकार ने वर्तमान में नई पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए इसे ‘लोहड़ी के उपहार’ के रूप में बताया.
कांग्रेस ने ओपीएस बहाली का किया था वादा
कांग्रेस पार्टी ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ओपीएस को बहाल करने का वादा किया था और वह इस पर कायम रही. मंत्रिमंडल ने कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को सरकार के नीति दस्तावेज के रूप में अपनाने का भी निर्णय लिया. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से कहा, ‘अपने चुनावी दौरे के दौरान, एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने हमें ओपीएस की बहाली का वादा करने के लिए कहा था और हमने इसे ‘प्रतिज्ञा पत्र’ में शामिल किया और मंत्रिमंडल की पहली बैठक में वादा पूरा किया.’
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना का लाभ आज (13 जनवरी, 2023) से दिया जाएगा और इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी.
महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने के वादे पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह प्रदान करने के वादे को लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक उप समिति का गठन किया गया है, जिसमें धनी राम शांडिल, अनिरुद्ध सिंह और जगत नेगी को सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा कि यह समिति 1,500 रुपये प्रति माह के वितरण के लिए 30 दिनों में एक रूपरेखा तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि एक लाख नौकरियों की संभावना तलाशने के लिए समिति का भी गठन किया गया है.
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार पर साधा निशाना
पिछली सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को न केवल 75,000 करोड़ रुपये की कर्ज देनदारी विरासत में मिली है, बल्कि कर्मचारियों और पेंशनधारियों से संबंधित 11,000 करोड़ रुपये की देनदारी भी है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पिछली सरकार ने कर्मचारियों को 4,430 करोड़ रुपये, पेंशनधारियों को 5,226 करोड़ रुपये और छठे वेतन आयोग के तहत 1,000 करोड़ रुपये के महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया है.
'केंद्र के पास पड़े हैं 8 हजार करोड़ पर वो देना नहीं चाहते'
सुक्खू ने कहा कि एनपीएस के तहत, कर्मचारियों और सरकार ने क्रमशः दस प्रतिशत और 14 प्रतिशत का योगदान दिया और 8,000 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार के पास पड़ी है, जो यह राशि नहीं देना चाहती है, लेकिन सरकार ने इसके बिना ही यह फैसला किया है और डीजल पर जीएसटी में तीन प्रतिशत की वृद्धि से अतिरिक्त धन का सृजन करने में मदद मिलेगी.
एक जनवरी, 2004 से सरकारी सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारी नई पेंशन नीति (एनपीएस) के अंतर्गत आते हैं. विभिन्न कर्मचारी संघों ने फैसले की सराहना की है और सरकार को धन्यवाद दिया है.
(इनपुटः भाषा)
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