नई दिल्लीः सरकार मोबाइल फोन और अन्य पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक साझा चार्जर लाने की तैयारी कर रही है. इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा कि साझा चार्जर की ओर बदलाव एक जटिल मुद्दा है. इस पर अंतिम निर्णय सभी अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा.


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विशेषज्ञ समूहों का गठन करेगी सरकार
उन्होंने कहा कि भारत शुरुआत में दो प्रकार के चार्जर अपनाने पर विचार कर सकता है. इसमें सी टाइप चार्जर भी शामिल है. मोबाइल, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक साझा चार्जर की संभावना तलाशने के लिए सरकार विशेषज्ञ समूहों का गठन करेगी.


इससे पहले खबर आई थी कि सरकार मोबाइल फोन और अन्य पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक साझा चार्जर अपनाने के विकल्प पर बुधवार को उद्योग जगत के हितधारकों के साथ बैठक करेगी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक दोपहर में होनी थी. 


बताया गया था कि इस बैठक में लैपटॉप तथा मोबाइल सहित पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माता शामिल होंगे. इसके अलावा उद्योग निकाय सीआईआई और फिक्की तथा आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बीएचयू के प्रतिनिधि भी बैठक का हिस्सा होंगे. 


यूरोप पहले ही इस दिशा में कार्यरत
सचिव ने पीटीआई-भाषा से कहा था, 'बैठक में संभावनाएं तलाशी जाएंगी. हम हितधारकों से यह जानने की कोशिश करेंगे कि भारत में एक साझा चार्जर को कैसे अपनाया जा सकता है. हम उनकी चिंताओं को समझने की भी कोशिश करेंगे.' उन्होंने कहा कि यूरोप पहले ही इस मानदंड को अपनाने की दिशा में काम कर रहा है. 


ई-कचरे में आएगी कमी
क्षेत्र विशेष के संगठनों के साथ बैठक में कई तरह के चार्जर के इस्तेमाल को समाप्त करने की संभावना का आकलन किया जाएगा. इससे ई-कचरे में कमी आएगी और उपभोक्ताओं पर बोझ कम होगा. इस समय चार्जर के पोर्ट अलग-अलग होने के कारण उपभोक्ताओं को हर बार एक नया उपकरण खरीदने के लिए एक अलग चार्जर खरीदना पड़ता है.


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