नई दिल्लीः Ration Shops: संसद की एक समिति ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लाभार्थियों की शिकायतों के समाधान के लिये ‘हेल्पलाइन नंबर’ व्यवस्था को दुरुस्त करने की सिफारिश की है. यही नहीं समिति ने राशन दुकानों से सामानों के वितरण तथा कालाबाजारी पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी सुझाव दिया है.


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स्वतंत्र रूप से किया जाए औचक निरीक्षण
खाद्य और उपभोक्ता मामलों तथा जन वितरण पर संसद की स्थायी समिति ने यह भी सिफारिश की है कि सरकार को सस्ते गल्ले की दुकानों पर नजर रखने के लिए स्वतंत्र रूप से औचक निरीक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए. समिति ने 19 जुलाई को संसद में रिपोर्ट पेश की.


खराब गुणवत्ता का अनाज मिलने की मिलीं शिकायतें
इसमें कहा, ‘... भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों में अनाज भंडार के संयुक्त निरीक्षण तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ की मौजूदगी के बावजूद लाभार्थियों की तरफ से अनाज की खराब गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें मिली हैं.’ 
 
क्या बिचौलिये करते हैं हेरफेर
रिपोर्ट के अनुसार, यह कुछ बिचौलियों की करतूत हो सकती है. ऐसे लोग अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्यान्नों को राशन की दुकानों की जगह ‘दूसरी जगह’ पहुंचाते हैं और गरीब लोगों को निम्न गुणवत्ता का सामान मिलता है. इसमें कहा गया है कि कभी-कभी लाभार्थी अपनी शिकायतें संबंधित एजेंसियों तक नहीं पहुंचा पाते हैं. 


समिति ने कहा कि विभिन्न राज्यों में टेलीफोन नंबर 1967 और 1800 के जरिये 24 घंटे काम करने वाली शिकायत निवारण व्यवस्था है, लेकिन यह लाभार्थियों की रोजाना की समस्याओं के समाधान में मददगार नहीं हैं. 


'अधिकारी नहीं उठाते कॉल'
रिपोर्ट के अनुसार, ‘...हर कोई जानता है कि ये टोल फ्री नंबर लाभार्थियों की जरूरतों के अनुसार कारगर नहीं हैं और ज्यादातर समय संबंधित अधिकारी कॉल उठाते ही नहीं.’ 


समिति ने कहा कि इन ‘हेल्पलाइन नंबर’ के उचित तरीके से काम करने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ेगी. 


हेल्पलाइन नंबर को सुदृढ़ बनाया जाए
राज्य सरकारों को इस हेल्पलाइन नंबर को सुदृढ़ करना चाहिए और राशन की दुकानों पर नजर रखने को सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए. रिपोर्ट में गुणवत्ता मुद्दे के समाधान और नियंत्रण के लिये व्यापक स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित करने की भी सिफारिश की गई है.


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