नई दिल्ली: 21 मई से ही देश भर में पेट्रोल और डीजल के दामों को कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है. लंबे वक्त से तेल के दाम स्थिर बने हुए हैं. लेकिन आने वाले वक्त नें एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है.


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क्यों बढ़ सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम


जी बिजनेस हिंदी में छपी खबर के अनुसार घरेलू पेट्रोलियम कंपनियों को मई से ही तेल के दाम स्थिर होने की वजह से हजारों करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ रहा है. इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) को जुलाई से सितंबर के बीच की तिमाही के दौरान कुल 2,749.66 करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ा है. 


पेट्रोलियम कंपनियों ने शेयर बाजार को बताई ये वजह 


देश की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में यह बताया कि शेयर बाजारों को बताया कि कंपनियों को यह नुकसान पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी पर मार्केटिंग मार्जिन में गिरावट के कारण हुआ. पिछले दो वर्षों में रसोई गैस एलपीजी को लागत से कम दरों पर बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिए गए 22,000 करोड़ रुपए के एकमुश्त सरकारी अनुदान से नुकसान कम हुआ.


पेट्रोलियम कंपनियां कर चुकीं हैं दाम बढ़ाने की सिफारिश 


पेट्रोलियम कंपनियों ने इसी साल जून के महीने में सरकार से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा करने की डिमांड की थी. दरअसल जून में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त इजाफे के चलते पेट्रोलियम कंपनियों ने सरकार को चिट्ठी लिखते हुए तेल के दाम में इजाफा करने की मांग की थी. बता दें कि पिछले साल भी दिवाली बीतने के बाद तेल की कीमतों में इजाफा देखने को मिला था. 


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